हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि हर जिले में एक बड़ा कोल्ड स्टोरेज बनाएंगे ताकि फ़ल और सब्जी उगाने वाले किसानों की उपज ख़राब न हो और वे अपनी उपज की बेहतर क़ीमत पा सकें. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए. उन्होंने यह भी कहा की वे मुख्यमंत्री द्वारा वित्त मंत्री के तौर पर "बजट 2025 -26" में की गई सभी घोषणाओं को निर्धारित अवधि में पूरी करें. देरी करने पर अधिकारियों से जवाब -तलबी की जाएगी.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने बुधवार को बागवानी विभाग से जुड़ी बजट-घोषणाओं की वर्तमान स्थिति की विस्तार से समीक्षा की. जब उन्होंने सिरसा में किन्नू फ़ल के लिए अत्याधुनिक प्रसंस्करण और पैकेजिंग प्लांट स्थापित करने की प्रगति रिपोर्ट बारे सवाल किया तो अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए "हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ" की ओर से 3 एकड़ भूमि चिह्नित कर ली गई है और डीपीआर ( विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) का ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया गया है. जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
कृषि मंत्री को यह भी जानकारी दी गई कि हिसार और फतेहाबाद में अमरूद के लिए भी एक अत्याधुनिक प्रसंस्करण और पैकेजिंग प्लांट और मंडी स्थापित किए जाने की योजना है. इस बारे भी जल्द काम शुरू किया जाएगा. श्याम सिंह राणा को बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में 2000 नए हरित स्टोर शुरू करने की घोषणा के तहत अब तक 1805 समझौते हुए हैं जिनमें 1284 स्टोर भी खोले जा चुके हैं.
उन्होंने जब "मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना" के तहत मुआवजा राशि में वृद्धि को महंगाई के अनुसार आवधिक तौर पर सुनिश्चित करने बारे अधिकारियों से पूछा तो उनको बताया गया कि विभाग की ओर से "हॉर्टिकल्चर-पॉलिसी" बनाई जा रही है, उसी पॉलिसी में इस विषय को शामिल किया जा रहा है.
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने अधिकारियों को हर जिले में एक बड़ा कोल्ड स्टोरेज बनाने पर बल देने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि इसके लिए सोलर प्लांट के माध्यम से बिजली आपूर्ति करने के लिए स्टोरेज मालिक को प्रोत्साहित किया जाए ताकि उनकी लागत कम हो और आमदनी में बढ़ोतरी हो. इस योजना के तहत किसानों या उद्यमियों के लिए 5000 मीट्रिक टन क्षमता तक के कोल्ड स्टोरेज की स्थापना के लिए विभागीय स्कीमों में 35 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है जोकि 1.68 करोड़ रुपये से लेकर 2.10 करोड़ रुपये प्रति लाभार्थी है.
उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वे किसानों को कम पानी और कम खाद और कीटनाशक से तैयार होने वाली फसलों की बिजाई के लिए प्रोत्साहित करें. इससे जहां पानी की बचत होगी वहीं कम रसायन वाले भोजन से लोगों में बीमारी भी कम फैलेगी.
कृषि मंत्री को जानकारी दी गई कि प्रदेश में हल्दी, लहसून और अदरक के लिए किसानों को 30 हज़ार रुपये और अन्य मसाले जैसे धनिया, मेथी आदि के लिए 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान दिया जा रहा है. उन्होंने मधुमक्खी पालन और मशरूम की खेती के लिए भी विभाग की ओर से उठाए जा रहे क़दमों की समीक्षा की.
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