गुजरात में फसल नुकसान का जल्द मिलेगा मुआवजागुजरात में इस बार भयंकर फसल नुकसान हुआ है. बेमौसम बारिश की वजह से किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं. इसे देखते हुए गुजरात सरकार ने राहत पैकेज का ऐलान किया है. अब ताजा फैसले के तहत, किसानों को फसल नुकसान के आवेदन के लिए पोर्टल शुरू कर दिया गया है जहां किसान राहत राशि के लिए अप्लाई कर सकते हैं. राज्य सरकार ने गुरुवार को कहा कि किसानों को फसल नुकसान के मुआवजे के लिए आवेदन करना होगा. इस काम के लिए एक पोर्टल शुक्रवार दोपहर से चालू हो जाएगा. यह 15 दिनों तक सक्रिय रहेगा.
किसान अपनी ग्राम पंचायतों के ग्राम कंप्यूटर उद्यमी (वीसीई) या ग्राम स्तरीय उद्यमी (वीएलई) से इस लिंक: https://krp.gujarat.gov.in के माध्यम से आवेदन करवा सकते हैं. किसान इस लिंक पर फसल नुकसान के राहत पैकेज के लिए आवेदन कर सकते हैं. उन्हें कोई आवेदन शुल्क नहीं देना होगा.
आवेदन की पड़ताल करने के बाद सहायता राशि सीधा बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी. सरकार ने कहा है कि फसल मुआवजे की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा की जाएगी.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि किसानों को नियम के अनुसार जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा. राज्य के कृषि मंत्री जीतू वघानी ने कहा कि पात्र आवेदनों पर वेरिफिकेशन के तुरंत बाद कार्रवाई की जाएगी और राज्य सरकार जरूरत पड़ने पर आवेदन की समय सीमा बढ़ाने के लिए तैयार है. राज्य सरकार ने कहा कि 33 जिलों के 251 तालुकों के 16,500 से अधिक गांवों में फसल नुकसान का आकलन किया गया है.
बेमौसम बारिश के कारण गुजरात में 30 लाख हेक्टेयर खरीफ फसल का 33% से ज्यादा हिस्सा बर्बाद हो गया है. एक सरकारी सर्वेक्षण में कुल नुकसान लगभग 1,574 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया गया है, जिसके बाद गुजरात सरकार ने एक नया राहत पैकेज तैयार किया.
अक्टूबर के अंत में गुजरात में हुई 88.67 मिमी की लगातार बारिश ने राज्य की 71 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में बड़े स्तर पर फसल क्षति पहुंचाई है, जिससे 16,387 गांवों के 17.06 लाख किसानों की रोजी-रोटी चौपट हो गई है.
किसानों की शिकायतों पर जवाब देते हुए, राज्य सरकार ने तुरंत नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण का आदेश दिया और कृषि विभाग ने अलग-अलग क्षेत्रों में सैकड़ों टीमें तैनात कीं.
सौराष्ट्र क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. 37.71 लाख हेक्टेयर में बोई गई 33.53 लाख हेक्टेयर खेत बर्बाद हो गया है. 28.28 लाख हेक्टेयर में किए गए सर्वेक्षणों से पता चलता है कि 12.65 लाख किसानों की 33% से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई है, यानी 1,218.50 करोड़ रुपये का भारी नुकसान, जो राज्य को हुए कुल नुकसान का लगभग 80% है.
मध्य-पूर्व क्षेत्र दूसरे स्थान पर है, जहां 15.55 लाख हेक्टेयर में से 52.54% जमीन प्रभावित हुई है. 2.59 लाख किसानों की 3.18 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन को 296.45 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है.
दक्षिण गुजरात में, बेमौसम बारिश ने 79% खेती को तबाह कर दिया है, जिससे 5.61 लाख हेक्टेयर जमीन प्रभावित हुई है. यहां, 1.67 लाख हेक्टेयर में 1.36 लाख किसानों को 58.45 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है.
यहां तक कि उत्तरी गुजरात, जहां 18.08 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी, भी इससे अछूता नहीं रहा. यहां 4.14 लाख हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है, जिसमें 44,849 किसानों को 46,125 हेक्टेयर में 28.11 करोड़ रुपये मूल्य की भारी क्षति हुई है.
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