गुजरात में सौराष्ट्र और कच्छ जिले में मूंगफली और अन्य फसलों को बचाने के लिए किसानों के हित में राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि किसानों को उनकी फसल को बचाने के लिए 8 की बजाय अब 10 घंटे बिजली मिलेगी. किसानों के लिए यह बड़ी राहत की बात होगी क्योंकि उन्हें खेतों की सिंचाई के लिए अधिक समय तक बिजली मिल सकेगी.
राज्य के ऊर्जा मंत्री कनुभाई देसाई ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा है कि किसानों के हित में मुख्यमंत्री ने बड़ा फैसला लिया है जिससे कच्छ-सौराष्ट्र के किसानों को सीधा लाभ होगा. आम तौर पर राज्य में खेतों के प्रत्येक समूह को नियमित समय पर एक सप्ताह में दिन और दूसरे सप्ताह की रात के रोटेशन के आधार पर 8 घंटे बिजली दी जाती है. इस नियम के मुताबिक, निर्धारित नीति के अनुसार किसानों को सामान्य परिस्थितियों में कृषि कार्यों के लिए प्रतिदिन औसतन 8 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाती है.
इसके लिए सरकार सौर ऊर्जा का भी उपयोग करती है. सौर ऊर्जा उत्पादन से अब कृषि क्षेत्र को 75 परसेंट से अधिक आपूर्ति दिन के दौरान दी जाती है. राज्य के लगभग 20.10 लाख कृषि उपभोक्ताओं में से लगभग 16.01 लाख उपभोक्ताओं को दिन में (सुबह 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक) कृषि बीजली आपूर्ति की जाती है.
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ऊर्जा मंत्री कनुभाई देसाई ने कहा कि कृषि उपभोक्ताओं को अलग-अलग परिस्थितियों जैसे लगातार बारिश या मौसम के अनुसार खड़ी फसलों को बचाने के लिए धान, जीरा जैसी फसलों को बचाने के लिए प्रतिदिन औसतन 8 घंटे और आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त घंटों के लिए बिजली आपूर्ति की जाती है. सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में पीजीवीसीएल के बिजली वितरण क्षेत्र के तहत जाम जोधपुर, लालपुर, मानावदर, वंथली, मेंदरडा, केशोद, मांगरोल, मालिया हटिना और कच्छ जिले के तहसीलों में मूंगफली और अन्य फसलों को बचाने के लिए किसानों को 10 घंटे बिजली देने के लिए डिस्कॉम को आदेश दिए गए हैं.
27 अगस्त तक पीजीवीसीएल की अधिकतम बिजली मांग 3147 मेगावाट थी और बिजली की खपत 55 मिलियन यूनिट थी, जो वर्तमान में है 23 सितंबर को बढ़कर क्रमशः 9035 मेगावाट और 154 मिलियन यूनिट हो गई है. जिससे पता चलता है कि पीजीवीसीएल की बिजली की मांग काफी बढ़ गई है. इसी प्रकार पीजीवीसीएल के कृषि क्षेत्र की अधिकतम बिजली मांग 187 मेगावाट और खपत 03 मिलियन यूनिट थी, जो वर्तमान में है 23 सितंबर को बढ़कर क्रमश: 5820 मेगावाट और 55 मिलियन यूनिट हो गइ है, जो पीजीवीसीएल के कृषि क्षेत्र की बिजली मांग में वृद्धि को दर्शाता है.
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ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि जब खड़ी फसलों को बचाने की जरूरत होती है तो सेंट्रल सेक्टर जनरेटिंग स्टेशन, एक्सचेंज और रियल टाइम मार्केट से महंगे दामों पर बिजली खरीद कर भी कृषि क्षेत्र को 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाती है. सरकार इसे देखते हुए किसानों की फसलों के लिए 10 घंटे बिजली उपलब्ध कराएगी.(बृजेश दोषी की रिपोर्ट)
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