जलवायु परिवर्तन के इस दौर में खेती के तौर तरीकों में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. लेकिन इसके साथ ही सब्जी और फलों की खेती में कीटों का प्रकोप काफी बढ़ा है और किसान इसके प्रबंधन के लिए काफी पैसा भी खर्च कर रहे हैं. हालांकि, अब कीटों के प्रबंधन को लेकर बिहार सरकार के कृषि विभाग ने बगीचों और फसलों के लिए कीट प्रबंधन योजना शुरू की है. इसे लेकर विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा किसानों की आय में वृद्धि और उद्यानिक फसलों की उत्पादकता को बढ़ाने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ‘‘बगीचों एवं फसलों में कीट प्रबंधन योजना” को मंजूदी दी गई है.
कृषि मंत्री सह उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि इस योजना के तहत राज्य के किसानों को उनके उद्यानिक फलों और फसलों में कीट-व्याधियों के नियंत्रण के लिए सब्सिडाइज्ड रेट पर छिड़काव की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें विभिन्न फसलों के दवा छिड़काव पर 50 से 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी. वहीं, सरकार की ओर से अधिकृत सेवा प्रदाताओं के माध्यम से अनुशंसित कीटनाशकों को उपलब्ध कराया जाएगा. आगे कृषि मंत्री ने बताया कि इस योजना में आम, लीची, अमरूद, केला और पपीता जैसे फलों की फसलों को शामिल किया गया है.
कृषि विभाग की ओर से शुरू की गई बगीचों और फसलों में कीट प्रबंधन योजना के तहत आम के वृक्षों में कीट और फ्रूट ड्रॉप की समस्या के समाधान के लिए किसानों को पहले छिड़काव पर 57 रुपये प्रति वृक्ष और दूसरे छिड़काव पर 72 रुपये प्रति वृक्ष की दर से 75% सब्सिडी दी जाएगी. वहीं, एक किसान को अधिकतम 112 वृक्षों (प्रति छिड़काव) तक इस योजना का लाभ मिलेगा.
वहीं, लीची में पहले छिड़काव के लिए 162 रुपये प्रति वृक्ष और दूसरे छिड़काव के लिए 114 रुपये प्रति वृक्ष की सब्सिडी मिलेगी, जिसमें एक किसान अधिकतम 84 वृक्षों तक की सुविधा प्राप्त कर सकेगा. वहीं ,अमरूद की फसल के लिए पहले छिड़काव पर 33 रुपये और दूसरे पर 45 रुपये प्रति वृक्ष की दर से 75% सब्सिडी मिलेगी और एक किसान को प्रति छिड़काव अधिकतम 56 वृक्षों पर यह लाभ मिलेगा.
कृषि विभाग ने केला और पपीता के पौधों के लिए इस योजना के तहत पहले छिड़काव (कीटनाशी सहित) पर 50% या 2150 रुपये प्रति एकड़ और दूसरे छिड़काव पर 50% या 2000 रुपये प्रति एकड़ की सब्सिडी तय की है. इससे रोगों के प्रभावी नियंत्रण में सहायता मिलेगी और फल उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार होगा. वहीं उप मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को इस योजना का लाभ लेने के के लिए डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. योजना के तहत पारदर्शिता और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक छिड़काव सेवा प्रदाताओं द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप किया जाएगा.
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