कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी दौरे पर थे. रायबरेली से लौटते वक्त मोहनलालगंज में किसानों को देख कर राहुल गांधी सड़क पर रुके और उनसे बात की. मोहनलालगंज में किसानो के विरोध प्रदर्शन को देख कर राहुल गांधी रुके और उनकी समस्याएं सुनी. किसानों ने ज्ञापन देकर राहुल गांधी से अपनी समस्याएं बताई. किसानों ने तहसील स्तर के अधिकारियों से न्याय न मिलने की समस्याएं बताई और इस पर इंसाफ की मांग की.
इस दौरान भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के एक नेता ने बताया कि राहुल गांधी इस रास्ते से निकल रहे थे तभी उन्होंने किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखा और अपनी गाड़ी रोक दी. इसके बाद उन्होंने किसानों से विरोध का कारण पूछा. किसान नेता ने बताया कि वे चकबंदी के विषय को लेकर वे लखनऊ जा रहे थे तभी राहुल गांधी की काफिला वहां आकर रुका. किसानों को देखकर वे रुके. किसानों से हालचाल पूछा.
किसान नेता ने कहा कि एक गांव है जहां जबर्दस्ती चकबंदी हो रही है. अगर वहां चकबंदी नहीं रोकी गई तो पूरे प्रदेश में 22 तारीख को विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. किसान ने बताया कि इस गांव का नाम शेरपुर लवल है. किसान ने कहा कि इस गांव में जबर्दस्ती चकबंदी कराई जा रही है. किसान नेता ने अपना नाम हरिनाम सिंह वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) बताया.
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इससे पहले राहुल गांधी ने मंगलवार को रायबरेली के कीर्ति चक्र विजेता कैप्टन अंशुमान सिंह के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की, जिनकी मां ने बाद में अग्निवीर योजना के खिलाफ आवाज उठाई. लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी ने लखनऊ रवाना होने से पहले अपनी यात्रा के दौरान एम्स-रायबरेली का भी दौरा किया और पार्टी कार्यकर्ताओं और अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से मुलाकात की.
दिवंगत कैप्टन की मां मंजू सिंह ने रायबरेली में एक गेस्ट हाउस में गांधी से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा, "मैं सरकार से सेना को दो श्रेणियों में नहीं बांटने का अनुरोध करती हूं." जवानों की कम दिनों की भर्ती के लिए 2022 में शुरू की गई सेना योजना के बारे में आगे बोलते हुए सिंह ने कहा कि चार साल की नौकरी की भूमिका उचित नहीं है क्योंकि जिन अग्निवीरों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा, उन्हें दूसरा सही करियर खोजने में जूझना पड़ेगा.(आशीष श्रीवास्तव का इनपुट)
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