पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने फरवरी में खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में मारे गए युवा किसान शुभकरण सिंह के परिवार को 1 करोड़ का चेक सौंपा और सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र भी दिया. मान ने सीएम आवास पर परिवार से मुलाकात की. पंजाब में किसान आंदोलन के दौरान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी. यह मामला सुर्खियों में आया क्योंकि किसानों ने शुभकरण को शहीद का दर्जा देते हुए पूरे देश में अस्थि कलश यात्रा निकाली. मंगलवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुभकरण सिंह के परिवार से अपने आवास पर मुलाकात की और एक करोड़ का चेक सौंपा.
शुभकरण सिंह की इसी साल फरवरी में खनौरी बॉर्डर पर मौत हो गई थी.पंजाब और हरियाणा के बॉर्डर पर महीनों से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि MSP की मांग को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है. फरवरी में इसी आंदोलन के दौरान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी. घटना 21 फरवरी की है. इसमें किसानों ने आरोप लगाया कि हरियाणा पुलिस की गोलीबारी में शुभकरण सिंह की मौत हुई. इस पर पंजाब और हरियाणा के बीच राजनीति भी खूब हुई. यहां तक कि इस मामले की जांच के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई.
ਕਿਸਾਨੀ ਅੰਦੋਲਨ ਦੌਰਾਨ ਖਨੌਰੀ ਬਾਰਡਰ 'ਤੇ ਨੌਜਵਾਨ ਕਿਸਾਨ ਸ਼ੁਭਕਰਨ ਸਿੰਘ ਗੋਲੀ ਲੱਗਣ ਕਾਰਨ ਸ਼ਹੀਦ ਹੋ ਗਿਆ ਸੀ.. ਸ਼ਹੀਦ ਕਿਸਾਨ ਦੇ ਪਰਿਵਾਰ ਨਾਲ ਮੁਲਾਕ਼ਾਤ ਕੀਤੀ... ਵਾਅਦੇ ਮੁਤਾਬਕ ਪਰਿਵਾਰ ਨੂੰ 1 ਕਰੋੜ ਰੁਪਏ ਦਾ ਚੈੱਕ ਤੇ ਇੱਕ ਜੀਅ ਨੂੰ ਸਰਕਾਰੀ ਨੌਕਰੀ ਦਾ ਨਿਯੁਕਤੀ ਪੱਤਰ ਦਿੱਤਾ...
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) July 9, 2024
ਕਿਸਾਨਾਂ ਦੀ ਆਪਣੀ ਸਰਕਾਰ ਹਰ ਦੁੱਖ-ਸੁੱਖ ਵਿੱਚ… pic.twitter.com/oUSG62iY9y
भगवंत मान ने एक्स पर लिखा, किसान आंदोलन के दौरान खनौरी बॉर्डर पर गोली लगने से युवा किसान शुभकरण सिंह शहीद हो गए. शहीद किसान के परिवार से मुलाकात की. वादे के मुताबिक परिवार को 1 करोड़ रुपये का चेक और सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र दिया. किसानों की अपनी सरकार हर दुख-सुख में किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और आगे भी खड़ी रहेगी.
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फरवरी में मुख्यमंत्री ने दिवंगत किसान शुभकरण सिंह के परिवार को आर्थिक सहायता और रोजगार सहायता देने की घोषणा की थी.
मान ने कहा था, "खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी. दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी."
एक दिन पहले रविवार को बठिंडा में बीकेयू (एकता सिधूपुप) के कार्यकर्ताओं ने जागृति मार्च निकाला. इसमें लोगों को 12 जुलाई को बठिंडा डीसी के दफ्तर के सामने विरोध प्रदर्शन करने की अपील की गई. इसमें मांग की गई कि मृतक किसान शुभकरण सिंह के परिवार को मुआवजा दिया जाए और नौकरी का नियुक्ति पत्र दिया जाए. संगठन ने कहा कि चुनाव आचार संहिता हटे एक महीने से अधिक समय हो गया लेकिन शुभकरण के परिवार को अभी तक मुआवजा नहीं मिला, न ही नौकरी मिली. 12 जुलाई को किसानों के प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन से पहले ही सीएम मान ने एक करोड़ रुपये की राशि और नियुक्ति पत्र जारी कर दिया.
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