पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को एक पेड़ की छांव में ग्रामीणों के एक समूह से बातचीत की. इस बातचीत में सीएम मान ने किसानों से 'रंगला पंजाब' बनाने के लिए उनके सुझाव लिए. मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही ग्रामीणों को आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली सरकार की प्रमुख पहल के बारे में भी बताया. मान की इस मीटिंग के लिए न तो सोफे लगाये गए थे और न ही सरकारी प्रोटोकॉल की औपचारिकताएं थीं. उन्होंने गांव वालों से खुलकर बातचीत की और उनके साथ अपने विचार साझा किए.
मान ने इसकी जानकारी अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर दी. उन्होंने लिखा, 'आज लुधियाना जिले के गांव ओटालां और लिबड़ा में किसान भाइयों से मुलाकात की। बिजली और नहरी पानी के मोघों की समीक्षा की. किसान भाइयों ने बताया कि बिजली और नहरी पानी की कोई कमी नहीं है, उन्हें निर्बाध सप्लाई मिल रही है. किसानों के चेहरों पर दोबारा रौनक देखकर बेहद खुशी हुई. किसान और खेती हमारे लिए हमेशा प्राथमिकता में रहे हैं. इसे दोबारा मजबूती से खड़ा करने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं.'
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जब पदभार संभाला था, नहर के पानी का केवल 21 प्रतिशत ही सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन अब यह बढ़कर 63 प्रतिशत हो गया है. मान ने गांववालों को बताया कि राज्य सरकार के ठोस प्रयासों से पहली बार नहर और नदियों का पानी गांवों के अंतिम छोर तक पहुंच पाया है.
इस मीटिंग के दौरान ही मान ने किसानों को बताया कि उन्होंने इस बार धान की बुवाई 15 दिन पहले क्यों करने का फैसला लिया. मान ने किसानों को बताया कि अक्टूबर में नमी बहुत ज्यादा होती है और ऐसे में धान की फसल बेचने में काफी समस्याएं आती हैं. इन परेशानियों से बचने के लिए ही राज्य सरकार ने धान की खेती के सत्र में भी बदलाव कर दिया है. सीएम मान के मुताबिक इसके लिए राज्य में जरूरी योजना और व्यवस्था के साथ-साथ क्षेत्रवार धान की खेती सुनिश्चित की गई है.
मान ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय खाद्य मंत्री को फोन कर आग्रह किया था कि अब धान की खरीद 15 सितंबर से शुरू होनी चाहिए ताकि राज्य के किसान अपनी फसल आसानी से और बिना किसी परेशानी के बेच सकें. उनका कहना था कि इससे किसान मंडियों में नमी रहित अनाज ला सकेंगे और उनकी खरीद सुचारू रूप से सुनिश्चित होगी. जल संकट के मुद्दे पर सीएम मान ने गांववालों को जानकारी दी कि 153 ब्लॉक में से 117 में भूजल ‘ब्लैक डार्क जोन’ में चला गया है.
साथ ही राज्य में आलिशान शादियों को लेकर भी सीएम भगवंत मान ने चिंता जताई है. मुख्यमंत्री का मानना है कि भव्य शादियां आम किसानों की जेब पर भारी बोझ डाल रही हैं. उन्होंने किसानों से अनुरोध किया है कि शादी को पूरी तरह से एक सादा कार्यक्रम ही रखा जाए. मान का कहना था कि यह समय की मांग है ताकि किसानों को कर्ज के दुष्चक्र से बाहर निकाला जा सके. उन्होंने कहा कि किसानों को फिजूलखर्ची करने की होड़ से बाहर आना चाहिए. मान के अपने खेतों में आने से किसान हैरान थे. किसानों का कहना था कि पिछले 70 सालों में उन्होंने पहली बार देखा है कि राज्य का मुखिया महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उनके बीच आया.
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