प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते कश्मीर घाटी का दौरा करेंगे और लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे. आर्टिकल 370 हटने के बाद जहां पीएम मोदी का यह पहला कश्मीर दौरा होगा तो वहीं विशेष दर्जा खत्म होने के बाद यह पहला लोकसभा चुनाव होगा. साल 2019 में पीएम मोदी ने दोबारा सरकार में आने के बाद अनुच्छेद 370 को हटा दिया था. अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था. पांच अगस्त 2019 में राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था. पिछली बार पीएम मोदी लोकसभा चुनावों से पहले फरवरी 2019 में घाटी के दौरे पर गए थे. माना जा रहा है कि ये चुनाव घाटी के लिए कई मायनों में खास हो सकते हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री सात मार्च को श्रीनगर में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे. वह इसके साथ ही यहां पर कई योजनाओं की शुरुआत कर सकते हैं. डल झील के किनारे शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में होने वाली पीएम मोदी की रैली पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. जम्मू-कश्मीर बीजेपी प्रमुख रविंदर रैना ने कहा, 'यहां के लोगों की लंबे समय से मांग थी कि प्रधानमंत्री आएं और उन्हें संबोधित करें. अब सात मार्च को वह एक रैली को संबोधित करेंगे.'
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सार्वजनिक रैली आगामी आम चुनावों के लिए भाजपा के चुनाव अभियान का हिस्सा है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से कहा कि अनंतनाग रैली सात से 15 मार्च के बीच होगी. यह बात गौर करने वाली है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास कश्मीर घाटी की तीन लोकसभा सीटें हैं. वहीं, बीजेपी ने साल 2019 में जम्मू क्षेत्र में दो सीटें जीतीं. लद्दाख की एकमात्र सीट भी बीजेपी के पास है. भाजपा अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसमें शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग के दक्षिण कश्मीर क्षेत्र और जम्मू में राजौरी-पुंछ क्षेत्र शामिल हैं. परिसीमन से पहले, अनंतनाग सीट में केवल चार दक्षिण कश्मीर जिले - शोपियां, कुलगाम, पुलवामा और अनंतनाग शामिल थे.
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एक महीने से भी कम समय में पीएम मोदी का यह दूसरा जम्मू-कश्मीर दौरा होगा. पीएम ने 20 फरवरी को जम्मू में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित किया था. इस दौरान उन्होंने देश भर में 32000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की भी शुरुआत की. भाजपा ने एनडीए के लिए 370 सीटें और 400+ का लक्ष्य रखा है. पीएम मोदी ने पहली बार जम्मू रैली में बोलते हुए लक्ष्य 370 का जिक्र किया था.
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अगले महीने लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले प्रधानमंत्री देश के तूफानी दौरे पर हैं. उनके भाषण 'मोदी की गारंटी' पर केंद्रित हैं. इसके तहत वह जनता को यह बताने की कोशिशें कर रहे हैं कि कैसे उनकी सरकार की कल्याणकारी योजनाएं सिर्फ वादे नहीं हैं बल्कि वास्तव में लाभार्थियों को लाभान्वित करने वाली हैं. कश्मीर यात्रा का मकसद लोकसभा चुनाव में जीत की उम्मीदों को मजबूत करना है. साथ ही यह बात भी ध्यान देने वाली है कि जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के बाद राज्य विधानसभा चुनाव भी होने हैं. राज्य में साल 2018 से राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है. जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था.
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