महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने ठाणे में एक पार्टी कार्यक्रम के दौरान कहा कि मराठवाड़ा में आई बाढ़ से किसान बेहद परेशान हैं. उन्होंने कहा, "हम सब दिवाली मना रहे हैं, लेकिन मराठवाड़ा में बाढ़ के कारण किसानों की आंखों में आंसू हैं."
शिंदे ने बताया कि उनकी पार्टी शिवसेना ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे मुंबई में होने वाली दशहरा रैली में न जाकर बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहकर लोगों की मदद करें. "हमने मदद किट्स भेजी और किसानों के साथ खड़े रहे. मुझे गर्व है कि हमारे कार्यकर्ताओं ने मानवता का परिचय दिया," शिंदे ने कहा.
एकनाथ शिंदे ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने किसानों की मदद को प्राथमिकता दी है. सरकार ने तुरंत मुआवज़े की प्रक्रिया शुरू की है ताकि किसानों की दिवाली अंधेरी न रहे.
"हमने फैसला किया है कि किसी भी किसान की दिवाली अधूरी नहीं रहने देंगे. मुआवज़े की राशि बांटी जा रही है," शिंदे ने कहा.
बाद में पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा कि संकट की घड़ी में शिवसेना हमेशा लोगों के साथ रही है. उन्होंने कहा: "जहां संकट होता है, वहां शिवसेना होती है, और जहां आपदा होती है, वहां एकनाथ शिंदे होता है."
शिंदे ने बिना किसी का नाम लिए अपने विरोधियों पर निशाना साधा, जो उन पर उनके गुरु, स्व. आनंद दिघे का अपमान करने का आरोप लगाते हैं. उन्होंने कहा कि ठाणे की जनता ऐसे लोगों को जवाब देगी. "बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे साहेब हमारे दिल और खून में हैं," शिंदे ने कहा.
एकनाथ शिंदे का यह बयान किसानों के प्रति उनकी संवेदनशीलता और सरकार की तत्परता को दर्शाता है. दिवाली से पहले मुआवज़ा देने का वादा बाढ़ पीड़ित किसानों के लिए बड़ी राहत है. शिवसेना का यह कदम जनसेवा की दिशा में एक मजबूत संदेश देता है.
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