
तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट ने किसानों के लिए कई फैसले लिए हैं. जिसमें 14 खरीफ फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी का फैसला भी काफी अहम माना जा रहा है. कैबिनेट के फैसले के मुताबिक, एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी तिलहन और दलहन फसलों के लिए की गई है. जिसमें नाइजरसीड तिल और अरहर शामिल हैं. इसके साथ ही तूर दाल, उड़द दाल, मूंग, धान बाजार और मक्का समेत 14 खरीफ फसलें शामिल हैं. मोदी कैबिनेट द्वारा इन फसलों का एसपी बढ़ाए जाने के बाद आजतक की टीम ने धान का कटोरा कहे जाने वाले चंदौली, बांदा, कानपुर, लखीमपुर और गोरखपुर के किसानों से बात की. एसपी बढ़ाए जाने पर किसानों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
ये तस्वीरें पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली की हैं. दरअसल चंदौली को धान का कटोरा कहा जाता है क्योंकि यहां चावल की पैदावार काफी अच्छी होती है. मोदी कैबिनेट के एमएसपी बढ़ाने के फैसले को लेकर हमने चंदौली के किसानों से बात की. यहां कुछ किसानों ने इस फैसले की तारीफ की तो कुछ किसान असंतुष्ट दिखे. उनका कहना था कि जो एमएसपी तय की गई है, उससे कहीं ज्यादा होनी चाहिए थी. चंदौली जिले के नियामताबाद के रहने वाले किसान अनुराग सिंह ने कहा कि जिस तरह से सरकार ने एमएसपी में बढ़ोतरी की है, उसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद देना चाहता हूं. अनुराग सिंह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जिस तरह से साल दर साल फसलों की एमएसपी बढ़ा रहे हैं, वो हमेशा किसानों का हित चाहते हैं.
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किसान संजय चौरिहा ने कहा कि खरीफ फसलों में एमएसपी के दाम बढ़ाकर बहुत अच्छा काम किया गया है. अब हमें अपनी लागत के साथ-साथ अपनी फसलों का उचित मूल्य मिलेगा. सरकार हमारे साथ है तो हम सरकार के साथ हैं. किसान संजय ने बिचौलियों पर चिंता जताते हुए सरकार से मांग की है कि इन्हें हटाया जाए और क्रय केंद्रों पर किसानों की लंबी कतारों पर निर्णय लिया जाए. जिससे हमारा समय बर्बाद न हो. बुजुर्ग किसान राममिलन ने कहा कि मोदी जी ने बहुत अच्छा निर्णय लिया है, इससे हमें बहुत लाभ होगा. किसान राजन ने कहा कि निर्णय बहुत अच्छा है, अब हमारी फसलों की लागत भी निकल आएगी और हमें मुनाफा भी होगा. किसान विकास ने भी सरकार के इस निर्णय पर खुशी जताई है और धन्यवाद दिया है. सभी ने बिचौलियों पर चिंता जताई है, क्रय केंद्रों में लंबी कतारों के कारण किसान क्रय केंद्रों में धान नहीं बेच पा रहा है. उसे मजबूरी में इन बिचौलियों को ही बेचना पड़ रहा है, इन किसानों ने भी सरकार से इस ओर ध्यान देने और इस पर विचार करने की मांग की है.
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खरीफ सीजन शुरू होते ही केंद्र सरकार ने 14 फसलों के दाम बढ़ा दिए हैं. इसको लेकर आजतक ने लखीमपुर खीरी जिले के किसानों से बात की. कई किसान खुश दिखे तो कई यह भी मांग करते नजर आए कि भविष्य में डीजल, खाद, बिजली और पानी के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं होनी चाहिए. मक्का की खेती करने वाले किसान राजकुमार का कहना है कि जब यह तैयार हो जाएगा तो हम इसे बाजार में ले जाएंगे तब पता चलेगा कि इसका रेट कितना बढ़ाया गया है. सरकार हमारे प्रति इतनी सजग है, हम इसका स्वागत करते हैं. अगर रेट बढ़ाया जाता है तो हम सरकार को धन्यवाद देते हैं. किसान वैसे भी हर समस्या से जूझ रहे हैं, अगर सरकार खाद-बीज पर ध्यान दे, उसमें सब्सिडी दे, बिजली और पानी की व्यवस्था सही हो तो तहसील सरकार किसानों के लिए ही कही जाएगी. यह बहुत अच्छी बात है कि एमएसपी बढ़ा दी गई है. अब रेट ज्यादा होगा तभी किसान खुशहाल होगा, वह अब मक्का की खेती ज्यादा करेगा.
किसान अश्वनी कुमार दुबे ने कहा कि इससे किसानों को काफी राहत महसूस हो रही है. धान पर एमएसपी में 170 रुपए की बढ़ोतरी हुई है क्योंकि पूर्वांचल में धान की खेती बड़े पैमाने पर होती है. कुछ और बढ़ोतरी होनी चाहिए थी क्योंकि मजदूरी और खाद का खर्च पहले ही बढ़ चुका है. फिर भी किसानों को काफी राहत मिली है. युवा किसान विनोद दुबे ने कहा कि निश्चित तौर पर जो किसान परंपरागत खेती करते आ रहे हैं. पूर्वांचल की मुख्य फसलें गेहूं, धान और अरहर रही हैं जिनके दाम बढ़ाए गए हैं. सरकार द्वारा एमएसपी किसानों के हित में है क्योंकि डूबता हुआ आदमी तिनके का सहारा लेता है. क्योंकि आप देख सकते हैं कि भीषण गर्मी पड़ रही है और किसान उसी हालत में काम कर रहा है. डीजल से पानी चला रहा है और लू चलने के कारण काम भी कम हो रहा है. (रंजय सिंह, अभिषेक वर्मा, गजेंद्र त्रिपाठी की रिपोर्ट)
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