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किसान नेताओं ने सरकार को दिया अल्टीमेटम, मांगें नहीं मानी तो रेलवे ट्रैक करेंगे जाम

किसान नेताओं ने सरकार को दिया अल्टीमेटम, मांगें नहीं मानी तो रेलवे ट्रैक करेंगे जाम

किसान नेताओं ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन करना सभी का लोकतांत्रिक व मौलिक अधिकार है. हम माननीय कोर्ट से निवेदन करते हैं कि कौमी इंसाफ मोर्चे को जबरदस्ती उठाने के फैसले पर पुनर्विचार करें और प्रशासन भी आंदोलनकारियों के साथ किसी भी तरह की तानाशाही न करे. 

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किसान नेताओं ने सरकार को दी चेतावनी. (फाइल फोटो) किसान नेताओं ने सरकार को दी चेतावनी. (फाइल फोटो)

आज संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) व किसान मजदूर मोर्चा ने चंडीगढ़ के किसान भवन में मंगलवार को साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर के आगामी रणनीति की घोषणा की. किसान नेताओं ने स्पष्ट किया कि यदि आज शाम तक नवदीप सिंह, अनीश खटकड़ और गुरकीरत सिंह की रिहाई नहीं हुई तो कल सुबह शम्भू बॉर्डर पर रेलवे ट्रैक जाम कर दिए जाएंगे. मोर्चा के नेताओं ने कहा कि पिछले 28 दिनों से अनीश खटकड़ जेल में आमरण अनशन पर हैं और उनकी स्थिति नाजुक है. यदि उनकी सेहत को नुक्सान हुआ तो उसके लिए हरियाणा सरकार ज़िम्मेदार होगी.

किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन द्वारा दोनों मोर्चों पर बिजली, पानी, सफाई, फायर ब्रिगेड जैसी मूलभूत सुविधाएं भी आंदोलनकारियों को नहीं दी जा रही हैं, जिससे किसानों में भारी नाराजगी है. किसान नेताओं ने बताया कि भाजपा व उनकी सहयोगी पार्टियों के नेताओं से सवाल पूछने का अभियान शांतिपूर्ण चल रहा है. भाजपा नेता किसानों के सवालों से भाग रहे हैं. किसान नेताओं ने कहा कि भाजपा व उनकी सहयोगी पार्टियों के साथ-साथ विपक्षी पार्टियों के नेताओं से भी गांवों में सवाल किए जाएंगे. उनसे पूछे जाने वाले सवालों की सूची दोनों मोर्चों ने तैयार करी है.

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किसानों ने दिया BJP नेताओं को खुला लैचेंज

किसान नेताओं ने बताया कि जब भाजपा नेताओं से किसान सवाल पूछते हैं तो अक्सर जवाब आता है कि ये ऊपर का मामला है और दिल्ली में बैठे भाजपा के वरिष्ठ नेता ही इन सवालों का जवाब दे सकते हैं. दोनों मोर्चो ने तय किया कि वे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के खुले बहस के चैलेंज को स्वीकार करते हैं और उसके लिए 23 अप्रैल के दिन किसानों की तरफ से तय किया गया है. किसान नेताओं ने बताया कि आने वाले समय में हरियाणा-पंजाब में यात्राओं का आयोजन कर के बड़ी जनसभाएं आयोजित की जाएंगी.

न्याय मिलने की नहीं है उम्मीद

किसान नेताओं ने कहा कि माननीय हाइकोर्ट के आदेश पर पुलिस प्रशासन द्वारा करी गई हिंसा व शुभकरण सिंह की हत्या की जांच के लिए बनाई गई कमेटी में हरियाणा पुलिस के अधिकारी को शामिल करना उचित नहीं है. क्योंकि इस मामले में हरियाणा पुलिस स्वयं आरोपी है, पीड़ित किसानों को हरियाणा पुलिस की जांच से न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है.

ये किसान नेता रहे मौजूद 

किसान नेताओं ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन करना सभी का लोकतांत्रिक व मौलिक अधिकार है. हम माननीय कोर्ट से निवेदन करते हैं कि कौमी इंसाफ मोर्चे को जबरदस्ती उठाने के फैसले पर पुनर्विचार करें और प्रशासन भी आंदोलनकारियों के साथ किसी भी तरह की तानाशाही न करे. आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य तौर पर जगजीत सिंह डल्लेवाल, अमरजीत सिंह मोहड़ी, अभिमन्यु कोहाड़, मंजीत सिंह घुमाना, सुखजीत सिंह, लखविंदर सिंह औलख, जंगसिंह भटेडी, बलदेव सिंह सिरसा, चमकौर सिंह, सतनाम बहरू, तेजवीर सिंह, कुलविंदर सिंह पंजोला आदि मौजूद रहे. 

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