लोकसभा चुनाव से पहले संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) ने हरियाणा में बीजेपी के खिलाफ बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है. वोटिंग से पहले पूरे हरियाणा में किसान यात्रा निकालने का एलान कर दिया गया है. इससे पार्टी नेता बेचैन हैं. क्योंकि पहले से ही पूरे राज्य में जगह-जगह बीजेपी उम्मीदवारों को घेरकर किसान काले झंडे दिखा रहे हैं. सवाल पूछ रहे हैं. सबसे ज्यादा जगहों पर यह सवाल पूछा जा रहा है कि हरियाणा सरकार ने किसानों को दिल्ली क्यों नहीं जाने दिया? क्यों एमएसपी की गारंटी नहीं दी जा रही है और क्यों युवा किसान शुभकरण को गोली मारी गई. ऐसे तमाम सवालों की बौंछार की जा रही है जिससे प्रत्याशी या तो निरुत्तर हो जा रहे हैं या फिर कह रहे हैं कि इन सवालों का जवाब नेतृत्व देगा. हरियाणा में 25 मई को वोटिंग होनी है.
संयुक्त किसान मोर्चा-अराजनैतिक के नेता अभिमन्यु कोहाड ने 'किसान तक' को बताया कि अब आंदोलन को तेज किया जा रहा है. इसके तहत 7 से 19 मई तक पूरे हरियाणा में किसान यात्रा निकाली जाएगी. यात्रा गांव-गांव तक जाएगी, जिसमें किसानों को समझाया जाएगा कि जिन्होंने आपका नुकसान किया, जिन लोगों की वजह से आपको परेशानी झेलनी पड़ी और जिन लोगों की वजह से दिल्ली जाने वाले रास्तों में कील-कांटे बिछाए गए उन लोगों को वोट देने से पहले सौ बार सोचना. वोट की चोट से ही किसानों की बात मानी जाएगी.
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कोहाड ने बताया कि किसान यात्रा का समापन कैथल में होगा. यहां पर 19 मई को बड़ी किसान रैली होगी. यात्रा और रैली में पिछले पांच साल तक हरियाणा में हुए किसानों पर हुए जुल्मों की याद दिलाई जाएगी. इस बीच जिला यूनिटें भी नुक्कड़ सभाएं करेंगी. गांव-गांव तक जाएंगी और किसानों को जागरूक करेंगी कि वोट की चोट मारने का यही मौका है. यह बताया जाएगा कि किसानों को इस दौरान कुछ लोग खेती-किसानी के मुद्दे से भटका कर जाति और धर्म में बांटने की कोशिश करेंगे, लेकिन इस दौरान हमें किसान बने रहकर खेती से जुड़े मसलों पर सवाल करने हैं.
हरियाणा में वोटिंग से ठीक पहले 22 मई को किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे हो जाएंगे. इस दिन शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर रैली आयोजित होगी, जिसमें इस आंदोलन की धार और तेज करने की कोशिश की जाएगी. कोहाड ने बताया कि तीन किसान साथियों की रिहाई के लिए चलाए जा रहे रेल रोको आंदोलन को तब तक नहीं खत्म कियाजाएगा जब तक कि सरकार बात मान नहीं लेती है. अपनी फसल का दाम मांगना कोई अपराध नहीं है.
सरकार से गुस्साए किसान हरियाणा में बीजेपी और जन नायक जनता पार्टी (जेजेपी) के प्रत्याशियों का विरोध कर रहे हैं. रोजाना किसी न किसी नेता के विरोध का वीडियो सामने आ जाता है. राज्य में लोकसभा की 10 सीटें हैं. इनमें से 6 पर बीजेपी ने उन नेताओं को टिकट दी है जो पहले कभी कांग्रेस के हुआ करते थे, जबकि चार उसके अपने संगठन से निकलकर आए हुए हैं. इन सभी का किसान विरोध कर रहे हैं. बीजेपी से अधिक जेजेपी नेताओं के खिलाफ गुस्सा झलक रहा है. दुष्यंत चौटाला, उनके पिता और उनके भाई सबका विरोध देखने को मिल रहा है. किसान पूछ रहे हैं कि उन्हें दिल्ली क्यों नहीं जाने दिया गया.
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