संसद का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया है. इस बार मॉनसून सत्र में बजट जारी होना है. इसी कड़ी में सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण जारी किया गया तो वहीं मंगलवार को बजट पारित किया गया. इसके साथ ही मॉनसून सत्र के लिए लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों का दिल्ली में जुटान हो गया है.
वहीं इस बीच सोमवार को संसद से कुछ मीटर दूर स्थित कान्स्टीट्यूशन क्लब में किसानों का जुटान हुआ. SKM गैरराजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले देशभर के किसान नेता दिल्ली में जुटे. इस दौरान किसान आंदोलन का विस्तार करने का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही MSP गांरटी पर प्राइवेट बिल लाने, MSP गारंटी के मुद्दे पर संसद में चर्चा करवाने जैसे विषयों पर चर्चा हुई है.
तो वहीं MSP के मुद्दे पर विपक्ष के नेताओं से भी SKM गैरराजनीतिक के नेताओं की सोमवार को मुलाकात हुई है. SKM गैराजनीतिक का ये राजनीतिक एक्शन तब हुआ है, जब दूसरे किसान संगठन SKM ने भी MSP गांरटी पर प्राइवेट मेंबर बिल लाने और उसके लिए विपक्ष के नेताओं को लामबंद करने की कवायद की हुई है.
अब सवाल ये ही है कि SKM गैरराजनीतिक के इस राजनीति से SKM बैकफुट पर आ गया है.SKM अब आगे क्या करेगा. सवाल ये भी है कि क्या दोनों किसान संगठन MSP पर राहुल गांधी का हाथ थामने के लिए राजनीतिक संग्राम कर रहे हैं. आइए आज इसी पर विस्तार से बात करते हैं.
Kisan Andolan को लेकर कान्स्टीट्यूट क्लब में आयोजित किसान सभा में कई घोषणाएं हुई हैं. जिसके तहत SKM गैराजनीतिक ने किसान आंदोलन का विस्तार करते हुए देश के सभी जिलों में 15 अगस्त को ट्रैक्टर मार्च, बॉर्डर खुलते ही समान समेत दिल्ली कूच का ऐलान और तीन बड़ी किसान रैलियाें का ऐलान किया है. इसके साथ 30 अगस्त को किसान आंदोलन के 200 दिन पूरे होने पर देशभर के किसानों से शंंभू बॉर्डर पहुंचने की अपील की है.
किसान आंदोलन के विस्तार के साथ ही SKM गैरराजनीतिक ने MSP गारंटी के मुद्दे पर केंद्र सरकार का संसद के अंंदर घेराव करने की रणनीति बनाई है. इसके लिए SKM गैरराजनीतिक के नेताओं ने सोमवार शाम को 15 से अधिक लोकसभा सांसदों से मुलाकात की है, जो सभी विपक्षी दलों से चुन कर आएं हैं. इसे SKM गैराजनीतिक का राजनीतिक एक्शन समझा जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक विपक्षी नेताओं के हुई बैठक में अकाली दल से सांसद हरसिमरत कौर बादल अपने साथ प्राइवेट लेकर आई थी, लेकिन अभी इसको लेकर सहमति नहीं बन पाई है, लेकिन कुल जमा SKM गैरराजनीतिक की कवायद MSP गारंटी के मुद्दे पर सरकार को संसद में घेरने की है. यहां पर ये जानना जरूरी है कि SKM गैरराजनीतिक का ये स्टैंड तब सामने आया है, जब दूसरे किसान संगठन SKM ने इसको लेकर घोषणा की थी. जिसके तहत SKM ने MSP गारंटी के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों से मुलाकात की थी. कुल जमा SKM के रास्ते पर SKM गैरराजनीतिक ने रफ्तार पकड़ी है, जिसमें SKM गैरराजनीतिक बाजी मारते हुए दिख रहा है.
SKM ने विपक्ष को अपने साथ लाकर संसद में MSP पर घमासान की पटकथा लिखी थी, लेकिन इस पटकथा पर किसान राजनीति का सफल मंचन करने में SKM गैरराजनीतिक सफल रहा है. अभी तक SKM के किसान नेता कई सांसदों से मिल चुके हैं, लेकिन SKM गैरराजनीतिक दिल्ली में किसान सभा का आयोजन कर खुद को किसानों का सबसे बड़ा पैरोकार बताने में सफल रहा है.
ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि SKM गैरराजनीतिक की इस चाल से क्या SKM बैकफुट पर आ गया है. क्योंकि SKM की बनाई पिच पर SKM गैरराजनीतिक बेहतर बैटिंग करते हुए सम्मानजनक मैसेज देने में सफल रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि किसान आंदोलन की इस पिच पर SKM के पास अभी असली गुगली है.
जानकारी के मुताबिक SKM के पास पुराना प्राइवेट बिल है, जिस पर पहले ही सभी विपक्षी नेता सहमति जता चुके हैं. तो वहीं SKM के नेता 26 जुलाई को राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से सफल मुलाकात की स्थिति में हैंं.
MSP गारंटी कानून पर SKM और SKM गैराजनीतिक दोनों एक ही रास्ते पर हैं. कुल जमा MSP पर संसद में सरकार का घेराव करने की तैयारी है, इसके लिए दोनों ही किसान संगठन कांग्रेस नेता और नेताप्रतिपक्ष राहुल गांधी का साथ चाहते हैं.
इसी कड़ी में SKM के नेता जहां 26 जुलाई को राहुल गांधी से मुलाकात की संंभावनाएं तलाश रहे हैं तो वहीं SKM गैरराजनीतिक के नेता भी राहुल गांधी के साथ मुलाकात के आश्वासान के साथ ही दिल्ली आए थे, जिसमें उन्हें फिलहाल सफलता नहीं मिली है. कुल जमा किसान संंगठन MSP के मुद्दे पर सदन में संंग्राम चाहते हैं और इसके लिए राहुल गांधी का साथ चाहते हैं.
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