बरनाला की किसान रैली में डल्‍लेवाल ने भरी हुंकार, कहा- पंजाब सरकार ने पीठ में छुरा घोंपा

बरनाला की किसान रैली में डल्‍लेवाल ने भरी हुंकार, कहा- पंजाब सरकार ने पीठ में छुरा घोंपा

किसान नेता जगजीत सिंह डलेवाल ने बरनाला में एक किसान रैली में शामिल हुए. इस दौरान उन्‍होंने हजारों किसानों को संबोध‍ित करते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों की पीठ में छुरा घोंपा है. आमरण अनशन और शांतिपूर्ण संघर्श को पुलिस बल द्वारा बलपूर्वक दबा दिया गया.

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बरनाला की किसान रैली में डल्‍लेवाल ने भरी हुंकार, कहा- पंजाब सरकार ने पीठ में छुरा घोंपाजगजीत सिंह डल्‍लेवाल (फाइल फोटो)

आमरण अनशन तोड़ने के बाद किसान नेता जगजीत सिंह डलेवाल ने बरनाला में एक किसान रैली में शामिल हुए. इस दौरान उन्‍होंने हजारों किसानों की भीड़ को संबोध‍ित करते हुए कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों की पीठ में छुरा घोंपा है. आमरण अनशन और शांतिपूर्ण संघर्श को पुलिस बल द्वारा बलपूर्वक दबा दिया गया. डल्‍लेवाल ने आरोप लगाया कि किसानों की ट्रॉलियां चुराने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बजाय पुलिस ने किसानों के खिलाफ ही मामले दर्ज किए.

बीजेपी सरकार ने किसानों पर अत्‍याचार किए: डल्‍लेवाल

जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि दिल्ली आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार द्वारा मानी गई मांगों को लागू करने की बजाय 13 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच के दौरान हरियाणा की भाजपा सरकार ने केंद्र के इशारे पर सड़कों पर दीवारें बना दी, सड़कों पर गड्ढे खोद दिए और किले बना दिए, दिल्ली जाने वाले मार्गों को रोक दिया और 13, 14 और 21 फरवरी को किसानों पर आंसू गैस के गोले, रासायनिक गैसें छोड़ीं. 

डल्‍लेवाल ने कहा कि बीजेपी सरकार के इस अत्याचार के कारण 4 किसानों की आंखों की रोशनी चली गई और लगभग 435 किसान घायल हो गए. हरियाणा सरकार के इशारे पर वहां की पुलिस ने प्रीतपाल सिंह को घायल कर बोरी में बंद कर दिया और उसे अमानवीय यातनाएं दीं. 

'पंजाब सरकार ने पीठ में छुरा घोंपा'

उन्होंने आगे कहा कि 13 फरवरी 2024 से खनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसानों की ओर से शांति‍पूर्ण आंदोलन चलाया जा रहा है, लेकिन 19 मार्च को चंडीगढ़ में केंद्र सरकार के साथ हुई बैठक के बाद पंजाब की भगवंत मान सरकार ने मोर्चों पर लौट रहे किसान नेताओं की पीठ में छुरा घोंपकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया और खनौरी और शंभू बॉर्डर पर भारी पुलिस बल भेजकर किसानों के ट्रेंट/रहवास को नष्ट कर दिया. 

डल्‍लेवाल ने आरोप लगाया कि पुलिस के आदेश पर किसानों के ट्रैक्टर, ट्रॉलियां, एसी कूलर, गैस सिलेंडर, बिस्तर, बिछावन आदि और खाने-पीने का राशन खुलेआम लूटा और चुराया गया. वहीं, किसानों पर जुल्म ढाते हुए उन्हें जेलों में बंद कर दिया गया, जो कि दुनिया के इतिहास में पहली बार हुआ है कि बातचीत के लिए आए किसी प्रतिनिधिमंडल को गिरफ्तार किया गया हो.

उन्होंने आगे कहा कि जब पंजाब सरकार ने हजारों की संख्या में पुलिस बल भेजकर मोर्चे पर हमला किया था और किसानों को गिरफ्तार किया था, तब मोर्चे पर हजारों की संख्या में मौजूद पुलिस की जिम्मेदारी थी कि वह किसानों की सारी संपत्ति की रक्षा करे, क्योंकि वह सारी संपत्ति पुलिस प्रशासन की निगरानी में थी. 

'पुलिस की मदद से किसानों का सामान चोरी हुआ' 

डल्‍लेवाल ने कहा कि जो भी संपत्ति चोरी हुई, वह पंजाब सरकार और पुलिस प्रशासन की मदद से हुई थी. अब प्रशासन किसानों की ट्रालियां चुराने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बजाय प्रभावित किसानों और उनकी ट्रॉलियां ढूंढने में मदद करने वालों के खिलाफ ही मामला दर्ज कर धक्केशाही कर रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. किसानों को हुए नुकसान की एक-एक पाई पंजाब सरकार से ली जाएगी.

जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि मेरी जिंदगी मेरे लोगों की अमानत है और मैं अपनी जिंदगी की आखिरी सांस तक लोगों के हकों के लिए लड़ता रहूंगा. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा किसानों और मजदूरों पर किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ पूरे पंजाब में जुल्म विरोधी कांफ्रेंस की जा रही है, जिसकी कड़ी के तहत आज धनौला में जुल्म विरोधी कांफ्रेंस की गई है, इसलिए पंजाब सरकार यह न समझे कि वह लोगों को अपने हकों के लिए आवाज उठाने से रोकने के लिए उनके साथ मारपीट करेगी और उन्हें जेल में बंद कर देगी.

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