चीनी से लेकर मीट तक, ट्रंप के टैरिफ से भारत के किन कृषि उत्‍पादों पर पड़ेगा असर 

चीनी से लेकर मीट तक, ट्रंप के टैरिफ से भारत के किन कृषि उत्‍पादों पर पड़ेगा असर 

भारत का औसत टैरिफ रेट साल 2023 में 17 फीसदी था. यह दुनिया की कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्‍यादा है. इसमें नॉन-एग्रीकल्‍चर के लिए 13.5 प्रतिशत और एग्री प्रॉडक्‍ट्स के लिए 39 प्रतिशत था.  भारत की तरफ से अमेरिका को किए जाने वाले निर्यात में 30 सेक्‍टर्स अहम हैं जिसमें से छह कृषि से जुड़े हुए हैं.

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चीनी से लेकर मीट तक, ट्रंप के टैरिफ से भारत के किन कृषि उत्‍पादों पर पड़ेगा असर  2 अप्रैल को भारतीय समयानुसार रात 8 बजे टैरिफ पर बड़ा ऐलान किया जाएगा

अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की तरफ से दो अप्रैल को रेसीप्रोकल टैरिफ यानी पारस्‍परिक शुल्‍क जल्‍द से जल्‍द लागू करने कर ऐलान कर दिया गया है. वहीं इस बारे में कई देशों में कन्‍फ्यूजन की स्थिति है. दूसरी ओर भारत और अमेरिका के बीच भी एक ट्रेड एग्रीमेंट अंतिम चरण में है. अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि यह नई नीति भारत पर किस तरह से लागू होगी और इससे भारतीय व्‍यवसायों पर किस तरह से असर पड़ेगा. बाजार विशेषज्ञों की मानें तो भारत के तरफ से भारी मात्रा में कृषि आयात अमेरिका को निर्यात किए जाते हैं.  

भारत पर होगा कैसा प्रभाव 

ट्रंप की तरफ से टैरिफ लागू किए जाने से एक दिन पहले, अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय (यूएसटीआर) की एक रिपोर्ट में भारत की तरफ से आयात पर लगाए गए कई टैरिफ और नॉन-टैरिफ का जिक्र किया गया. रिपोर्ट के अनुसार भारत का औसत टैरिफ रेट साल 2023 में 17 फीसदी था. यह दुनिया की कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्‍यादा है. इसमें नॉन-एग्रीकल्‍चर के लिए 13.5 प्रतिशत और एग्री प्रॉडक्‍ट्स के लिए 39 प्रतिशत था. 

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6 सेक्‍टर्स कृषि से जुड़े

वेबसाइट एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार भारत की तरफ से अमेरिका को किए जाने वाले निर्यात में 30 सेक्‍टर्स अहम हैं जिसमें से छह कृषि से जुड़े हुए हैं. अमेरिका को भारत की तरफ से डेयरी प्रॉडक्‍ट्स निर्यात किए जाते हैं. अगर अमेरिका की तरफ से इन प्रॉडक्‍ट्स पर टैरिफ लगाया गया तो फिर व्यापार बुरी तरह प्रभावित होगा. इससे घी, मक्खन और दूध पाउडर महंगे हो जाएंगे और उनकी  बाजार में हिस्‍सेदारी कम हो जाएगी.

डेयरी पर होगा कितना प्रभाव 

वहीं न्‍यू इंडियन एक्‍सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार भारत भी अमेरिका से कुछ डेयरी प्रॉडक्‍ट्स को आयात करता है जिसमें दूध एल्बुमिन और लैक्टोज शामिल हैं. इनका प्रयोग मुख्‍य तौर पर नॉन-एडीबल्‍स जैसे कि फार्मास्यूटिकल्स और डाइटरी सप्‍लीमेंट्स को बनाने में किया जाता है. दूध एल्बुमिन और लैक्टोज भारत की तरफ से आयात होने वाले टॉप डेयरी प्रॉडक्‍ट्स में शामिल हैं और हाल के वर्षों में इन आयातों में खासतौर पर इजाफा हुआ है. विशेषज्ञों का सुझाव है कि भारत को उन डेयरी उत्पादों के आयात की अनुमति देनी चाहिए जो घरेलू स्तर पर निर्मित नहीं होते हैं. 

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प्रोसेस्‍ड फूड और सी फूड 

भारत की तरफ से मछली, मांस और प्रोसेस्‍ड सी फूड  अमेरिका को निर्यात किया जाता है जो करीब 2.58 बिलियन डॉलर का बिजनेस है. भारत की तरफ से इन चीजों पर 27.83 फीसदी शुल्‍क लगाया गया है. अगर बात झींगे की करें तो इसका निर्यात खासतौर पर अमेरिका को होता है और टैरिफ लगने से इस पर खासा असर पड़ने की आशंका है.  भारत ने झींगा के आयात पर 30 फीसदी टैरिफ लगाया हुआ है. सरकार के आंकड़ों के अनुसार 2024-25 में नवंबर तक अमेरिका से आयात की कुल मात्रा 3.16 मिलियन डॉलर थी, जबकि इसी अवधि के दौरान निर्यात 1319.68 मिलियन डॉलर था. पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में यह 2.91 मिलियन डॉलर और 1809 मिलियन डॉलर था. 

महंगी होगी भारतीय कन्‍फेक्‍शनरी 

वहीं जीवित पशु और पशु उत्पाद की इंडस्‍ट्री 10.31 मिलियन डॉलर की है और अगर इस पर 27.75 प्रतिशत टैरिफ अमेरिका की तरफ से लगाया गया तो भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इसी तरह से भारत की तरफ से अमेरिका को प्रोसेस्‍ड फूड, चीनी और कोको को निर्यात किया जाता है. यह करीब 1.03 बिलियन डॉलर का है और अगर इन उत्‍पादों के निर्यात पर 24.99 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाया गया तो फिर अमेरिका में भारतीय स्‍नैक्‍स और कन्फेक्शनरी महंगी हो सकती है.  

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