Rail roko protest: गैर राजनीतिक संगठन एसकेएम अपनी मांगों को लेकर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 309 दिनों से धरना दे रहा है. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 22 दिनों से आमरण अनशन पर धरना दे रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक इस पर चुप्पी साध रखी है. अब इसे लेकर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने अमृतसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि बुधवार को पूरे पंजाब में जगह-जगह रेल रोको आंदोलन किया जाएगा. पंढेर ने पंजाब के गायकों से रागी जत्थों और ट्रांसपोर्टर दुकानदारों से समर्थन करने की अपील की.
पंढेर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछले 309 दिनों से हम लड़ रहे हैं और जगजीत सिंह डल्लेवाल भी आमरण अनशन पर बैठे हैं. वहीं सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही इस मुद्दे को नहीं उठा रहे हैं और किसी को भी जगजीत सिंह डल्लेवाल की चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि 18 दिसंबर को अमृतसर में नौ जगहों पर और पंजाब में अलग-अलग जगहों पर किसान संगठन ट्रेनें रोककर विरोध प्रदर्शन करेंगे. तीन घंटे तक ट्रेनों को रोका जाएगा.
उन्होंने कहा कि देवीदासपुरा, ब्यास, जम्मू रेलवे लाइन, डेरा बाबा नानक रेलवे लाइन, अमृतसर के सभी स्थानों पर ट्रेनें रोककर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम वकीलों, दुकानदारों, ट्रांसपोर्टरों से भी अपील करते हैं कि वे हमारे साथ रेलवे ट्रैक पर बैठें और इस संघर्ष का समर्थन करें. उन्होंने केद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू पर निशाना साधते हुए कहा कि वे खुद अपनी बात पर कायम नहीं रहते हैं.
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पंढेर ने कहा कि पंजाबी गायकों ने हमारे प्रति नाराजगी का ज़हर घोल दिया था कि जब ईडी और एनआईए गायकों पर छापे मारते हैं तो किसान उनका साथ नहीं देते. उन्होंने कहा कि पंजाब के कलाकार जानते हैं कि किसान हमेशा आपके साथ हैं और भविष्य में भी अगर किसानों को जरूरत पड़ी तो किसान उनके साथ खड़े हैं.
उन्होंने कहा कि हम पंजाब के हर निवासी से अपील करते हैं कि कल तीन घंटे के प्रदर्शन को सफल बनाएं ताकि केंद्र सरकार तक आवाज पहुंचाई जा सके. रेलवे स्टेशनों पर जिन यात्रियों को परेशानी होगी उनके लिए किसानों द्वारा भोजन की व्यवस्था की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसान मोर्चा द्वारा बुलाई गई आपात बैठक का हम स्वागत करते हैं.
मंगलवार को 22वें दिन किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन खनौरी मोर्चे पर जारी रहा. डॉक्टरों के कहने पर डल्लेवाल बाहर स्टेज पर नहीं आए क्योंकि डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत आज ज्यादा नाजुक है. दोनों मोर्चों के किसान नेताओं ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल द्वारा MSP कानून और जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य के मुद्दों पर संसद में पेश किए गए स्थगन प्रस्ताव का स्वागत करते हैं और तमाम राजनीतिक पार्टियों से अपील करते है कि MSP गारंटी कानून के मुद्दे पर सभी राजनीतिक पार्टियां अपने आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट होकर संसद में सार्थक चर्चा कर के MSP गारंटी कानून बनाएं जिससे किसानों की आत्महत्या रोकी जा सके.
किसान नेताओं ने कहा कि आज किसानों की दयनीय स्थिति के लिए तमाम राजनीतिक पार्टियां ज़िम्मेदार हैं. इसलिए सभी राजनीतिक पार्टियों की जिम्मेदारी बनती है कि वो MSP गारंटी कानून के मुद्दे पर एकजुट हों ताकि किसानों को गरीबी से बाहर निकाला जा सके. आज जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन के समर्थन में राजस्थान के अनूपगढ़, गंगानगर, हनुमानगढ़ और हरियाणा के कैथल में 1 दिवसीय भूख हड़ताल की गई.
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कल 16 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी से दोनों मोर्चों को एक चिट्ठी प्राप्त हुई जिसमें 18 दिसंबर को पंचकूला में मीटिंग के लिए बुलाया गया है. दोनों मोर्चों ने आपसी विचार-विमर्श के बाद कमेटी के साथ मीटिंग में न जाने का फैसला लिया और कमेटी को लिखित चिट्ठी भेज दी है.
जगजीत सिंह डल्लेवाल ने सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी के साथ कल की मीटिंग से इनकार कर दिया है. इस बाबत एक चिट्ठी में जवाब दिया गया है, आप की कमेटी माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा किसानों और सरकारों में विश्वास बहाली करने के लिए बनाई गई थी लेकिन उसके लिए आपने कोई ठोस प्रयास अब तक नहीं किए और न ही हमारी जायज़ मांगों को पूरा कराने के लिए केंद्र सरकार से बातचीत का कोई गंभीर प्रयास किया. हमारे दोनों मोर्चों को पहले से ही अंदेशा था कि कमेटियां सिर्फ खानापूर्ति करने के लिए बनाई जाती हैं लेकिन उसके बावजूद आप सब का सम्मान करते हुए हमारा प्रतिनिधिमंडल 4 नवंबर को आप से मिला. लेकिन इतनी गंभीर स्थिति होने के बावजूद आपकी कमेटी अब तक खनौरी और शंभू मोर्चों पर आने का समय नहीं निकाल पाई.
चिट्ठी में आगे लिखा है, आप इतनी देरी के बाद सक्रिय हुए हैं, ये देख के मुझे बड़ा दुःख हुआ. क्या यह कमेटी मेरी मृत्यु का इंतजार कर रही थी? कमेटी के आप सभी सम्मानित सदस्यों की तरफ से हमें इतनी संवेदनहीनता की उम्मीद नहीं थी. मेरी मेडिकल स्थिति और शंभू बॉर्डर पर घायल किसानों की हालत को देखते हुए हमारे दोनों मोर्चों ने फैंसला लिया है कि हम आप से मीटिंग करने में असमर्थ हैं. अब हमारी मांगों पर हम जो भी बातचीत करेंगे वो सिर्फ केंद्र सरकार से ही करेंगे.
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