
खनौरी और शंभू बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन पिछले एक साल से जारी है. इसमें महिलाएं भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं. महिला किसान नेता भी सरकार के साथ चल रही बातचीत में शामिल हो रही हैं. इस बीच, आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर दातासिंहवाला-खनौरी, शम्भू मोर्चों पर MSP गारंटी कानून के मुद्दे पर महिला महापंचायत हुई, जिसमें हजारों महिला किसानों ने भाग लिया. इसका संचालन और अध्यक्षता महिलाओं ने ही की. आज महिला वक्ताओं ने ही मंच से अपनी बात रखी. वहीं, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बयान दिया कि कल संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजूदर मोर्चा की बैठक होगी और इसके बाद एक बड़ा ऐलान किया जाएगा.
महिला पंचायत में आईं महिला वक्ताओं ने कहा कि फसलों की उचित कीमत न मिलने के कारण किसान कर्जदार होते हैं और कर्ज के कारण किसानों को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ता है. उन्होंने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल अगली पीढ़ी के भविष्य, जमीन और खेती को बचाने के लिए 103 दिनों से आमरण अनशन कर रहे हैं और जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में आंदोलन जारी रहेगा.
वहीं, किसान नेताओं ने कहा कि महिला समाज का 50% हिस्सा बनाती हैं और जिस आंदोलन में महिलाएं शामिल होती हैं, उस आंदोलन की जीत पक्की होती है. महिला किसान वक्ताओं ने बताया कि किसानों की कोई नई मांगें नहीं हैं, बल्कि अलग-अलग समय पर अलग-अलग सरकारों द्वारा किये गए वायदे हैं.
वहीं, किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसान आंदोलन 2.0 को चलते हुए लगभग 1 साल से ज्यादा का समय हो चुका है. किसान हर त्यौहार शंभू बॉर्डर पर मना रहे हैं, इसी कड़ी के चलते आज भी शंभू बॉर्डर पर किसानों ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया. इस दौरान भारी संख्या में महिलाएं शंभू मोर्चे पर पहुंची और मंच का संचालन भी महिलाओं ने ही किया.
सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमारे देश की महिलाएं किसी से भी कम नहीं हैं, अगर महिलाएं आगे आएंगी तो ही मोर्चे में सफलता मिलेगी. महिलाएं ही इस आंदोलन को जीताएंगी. वहीं, उन्होंने अगली रणनीति को लेकर कहा कि कल दोनों ही मोर्चे एक मीटिंग करने वाले हैं, जिसमें एक बड़ा ऐलान किया जाएगा.
आंदोलनरत दोनों मोर्चों और केंद्र सरकार की अगली बैठक 19 मार्च को होने वाली है. इससे पहले, इस साल की 14 फरवरी और 22 फरवरी को हुई बैठकें बेनतीजा रही थीं. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 22 फरवरी को हुई बैठक में कहा था कि सरकार किसान मोर्चों की ओर से दिए गए डेटा को अपने डेटा से मिलाएगी और जांचेगी. फिर अगली बैठक में आगे की चर्चा होगी.
मालूम हो कि पंढेर ने 25 फरवरी को दिल्ली कूच के कार्यक्रम को रद्द कर दिया था. बहुत संभव है कि कल होने वाली बैठक में यह चर्चा और फैसला हो कि अगर सरकार के साथ 19 मार्च को एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत 13 मांगों पर बात नहीं बनती है तो किसान दिल्ली कूच का ऐलान करेंगे.
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