पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार और संयुक्त किसान मोर्चा की तकरार को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. इसमें विपक्षी दल लगातार राज्य सरकार को निशाना बना रह हैं. अब इस मुद्दे पर पड़ोसी राज्य हरियाणा के सीएम भी भगवंत मान सरकार पर हमलावर हैं. पंजाब में किसानों और राज्य सरकार के टकराव को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों को उकसाने का काम किया है.
सैनी ने कहा कि मैं खुद भी किसान का बेटा हूं और किसानों की पीड़ा और जरूरतों को अच्छे से समझता हूं. हरियाणा में जब भी किसानों को प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ा, हरियाणा सरकार कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ खड़ी रही है. नायब सिंह सैनी ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने पहले 14 फसलों को एमएसपी पर खरीदा और आज प्रदेश की शतप्रतिशत फसलों को एमएसपी पर खरीदा जा रहा है.
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि उन्होंने पंजाब सरकार को कई बार सुझाव दिया है कि किसानों के बीच जाएं, उनसे बातचीत करें और वहां की सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदने के लिए उन्हें आश्वस्त करें. उन्होंने कहा कि किसान धरती पुत्र हैं और जनता का पेट भरते हैं. पंजाब सरकार को किसानों की चिंता करनी चाहिए और उन्हें राहत प्रदान करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि वे पंजाब के मुख्यमंत्री से अपील करते हैं कि किसानों पर लाठी न चलाएं, बल्कि उनसे बातचीत कर उन्हें मजबूत करने का काम करें. किसानों को बीज और खाद की सप्लाई को लेकर पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि अब प्रदेश में कोई भी व्यक्ति किसानों से धोखाधड़ी नहीं कर पाएगा. उन्होंने कहा कि हमने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को सिर्फ प्रमाणित बीज ही उपलब्ध करवाया जाए.
मालूम हो कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 5 मार्च को चंडीगढ़ कूच का ऐलान किया था. इससे पहले किसान यूनियन की पंजाब सरकार के साथ बैठक हुई, जिसमें यूनियन के शीर्ष नेता शामिल हुए और पंजाब सरकार की ओर से कई मंत्री और खुद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंद मान भी मौजूद थे. लेकिन, बैठक के दौरान मान अचानक नाराज हो गए और वहां से उठकर चले गए. इसके बाद किसान नेताओं ने उनकी आलोचना करते हुए कहा कि ऐसा पहले कभी किसी सीएम ने नहीं किया.
वहीं, बाद में सीएम मान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसान नेता चंडीगढ़ कूच पर अड़े हुए थे, इसलिए वे वहां से उठकर चले आए. अगर उन्हें चर्चा ही नहीं करनी थी तो उन्हें बुलाया क्यों? मान ने सख्त लहजे में कहा कि वे राज्य की सड़के, हाईवे, और रेल पटरियों को जाम नहीं होने दे सकते, इससे जनता का नुकसान होता है. किसान उन्हें मजबूर या कमजोर सीएम न समझें. बयान देने के बाद मान सरकार ने कई किसान नेताओं को पुलिस हिरासत में लिया और कई नेताओं को उनके घर में ही नजरबंद रखा. जिसके बाद किसान नेताओं ने चंडीगढ़ कूच का कार्यक्रम रद्द कर दिया. वहीं, किसानों को हिरासत में लिए जाने पर सियासत गरमाई हुई है.
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