बिहार में इस बार के बजट (Bihar Budget) से किसानों को काफी उम्मीदें हैं, और देखना होगा कि सरकार इस बजट में कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कौन सी नई योजनाएं पेश करती है. वहीं किसान मंडी, कृषि पर सब्सिडी सहित फसल बीमा योजना शुरू करने की मांग कर रहे हैं.
चुनावी साल में नीतीश सरकार का आखिरी बजट (Bihar Budget) 3 मार्च को उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी द्वारा पेश किया जाएगा. इस बजट में राज्य के किसानों के लिए कृषि क्षेत्र में नई घोषणाओं की संभावना जताई जा रही है. शुक्रवार को वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2024-25 पेश की, जिसमें राज्य में कृषि उत्पादन में सकारात्मक वृद्धि के बारे में अवगत कराया.
रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 से 2023-24 के बीच राज्य में चावल उत्पादन में 21% और गेहूं उत्पादन में 10.7% की वृद्धि हुई है. मक्का उत्पादन में 2020-21 से 2023-24 के बीच 66.6% का इजाफा हुआ है. इसके अलावा, बागवानी क्षेत्र में आम उत्पादन में 9.7% और लीची उत्पादन में 11.7% की वृद्धि दर्ज की गई है. लीची के बागानों का क्षेत्रफल 6% बढ़ा है, जो राज्य की कृषि क्षेत्र में सुधार का संकेत है.
राज्य के किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए अभी भी एक बेहतर बाजार की आवश्यकता है. बिहार में मंडी व्यवस्था (APMC Mandi) समाप्त होने के बाद से किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है. वहीं आने वाले बजट (Bihar Budget) में पटना जिले के किसान जी.एन शर्मा और सहरसा जिले के किसान सुदिप्त सिंह का कहना है कि सरकार को मंडी व्यवस्था फिर से शुरू करनी चाहिए ताकि किसानों को अपनी फसल का सही मूल्य मिल सके और व्यापारी अपनी मर्जी से दाम तय न कर सकें.
इसके लिए स्थानीय स्तर पर मंडी व्यवस्था और अनाज भंडारण की सुविधाएं दी जाएं. इससे किसानों को पूरे साल अनाज बेचने में मदद मिलेगी और वे व्यापारियों की मर्जी के अधीन नहीं होंगे.
किसान जी.एन शर्मा ने कहा कि सरकार को धान, गेहूं और अन्य फसलों की खरीदारी पर बोनस देने के बारे में विचार करना चाहिए. देश के कई राज्यों में MSP के अलावा राज्य स्तर पर बोनस दिया जाता है, जो किसानों की आय में सुधार लाता है. इस मुद्दे पर भी बजट (Bihar Budget) में कोई ठोस योजना सरकार को बनाने की जरूरत है. साथ ही बिहार में बंद केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को फिर से शुरू करने की जरूरत है.
दरभंगा जिले के किसान धीरेंद्र का कहना है कि कृषि योजनाओं के तहत कागजी प्रक्रिया को सरल बनाने पर ध्यान देना चाहिए. इसके अलावा, राज्य के प्राकृतिक जल स्रोतों का उपयोग सिंचाई के लिए कैसे बेहतर तरीके से किया जा सकता है, इस पर भी बजट (Bihar Budget) में कोई योजना आनी चाहिए.
कृषि उद्यमी विशाल कुमार का कहना है कि सरकार द्वारा किसानों को दिए जाने वाले कृषि यंत्र, बीज और अन्य चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी (Subsidy) की तरह, नए कृषि स्टार्टअप उद्यमियों के लिए भी मार्केटिंग पर सब्सिडी की व्यवस्था करनी चाहिए. कृषि मार्केटिंग पर नई स्टार्टअप कंपनियां बड़ी राशि खर्च करती हैं, जिससे वे किसानों से उचित मूल्य पर फसल नहीं ले पातीं. अगर सरकार इस बजट (Bihar Budget) में कृषि मार्केटिंग पर सब्सिडी देने का कोई प्रावधान लाती है, तो इससे किसानों और कृषि उद्यमियों दोनों को लाभ होगा.
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