किसान आंदोलन, भारतीय रेलवे के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है. ताजा जानकारी के अनुसार कुछ ट्रेनों को कम यात्रियों के चलते पूरी तरह से कैंसिल कर दिया गया है. किसानों की तरफ से रेल रोको प्रदर्शन के चलते कई ऐसे ट्रेनों को जो चंडीगढ़ से अहम स्टेशनों तक जाती हैं, 19 मई तक के लिए कैंसिल कर दिया गया है. किसानों का रेल रोको आंदोलन शंभू बॉर्डर के करीब 16 अप्रैल से जारी है. दो दिन पहले आई एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि आंदोलन की वजह से अब तक करीब 111 ट्रेनों का रास्ता बदला गया है तो वहीं 69 ट्रेनों को कैंसिल कर दिया गया.
रेलवे अधिकारियों ने बताया है कि गुरुवार को चंडीगढ़-अमृतसर इंटरसिटी एक्सप्रेस (12411), अमृतसर-चंडीगढ़ इंटरसिटी एक्सप्रेस (12412), चंडीगढ़-अमृतसर एक्सप्रेस (12241), फिरोजपुर कैंट-चंडीगढ़ सतलुज एक्सप्रेस (14630), एसएएस नगर-फिरोजपुर कैंट एक्सप्रेस (14613) और फिरोजपुर कैंट-एसएएस नगर एक्सप्रेस (14614) रद्द रहीं. अधिकारियों के अनुसार इन सभी ट्रेनों को अब 19 मई तक के लिए कैंसिल कर दिया गया है. दो अन्य ट्रेनें, अमृतसर-चंडीगढ़ एक्सप्रेस (12242) और चंडीगढ़-फिरोजपुर कैंट सतलुज एक्सप्रेस (14629) भी 19 मई तक कैंसिल रहेंगी.
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शंभू सीमा के पास अंबाला-साहनेवाल सेक्शन पर रेल रोको आंदोलन के चलते रेलवे ने तय किया है कि ऐसी ट्रेनें जो लंबी दूरी की हैं और जिनमें ज्यादा यात्री सफर करते हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी. इसलिए उसने लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए रास्ता साफ करने के लिए कम यात्रियों वाली ट्रेनों को कैंसिल करने का फैसला किया. किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) की तरफ से रेल रोको आंदोलन की अपील के बाद किसानों ने 17 अप्रैल को शंभू सीमा के पास दिल्ली-अंबाला-अमृतसर रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर दिया था.
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किसानों की मांग है कि जब तक उनके तीन प्रदर्शनकारी साथियों को रिहा नहीं किया जाता, तब तक वह इस आंदोलन को जारी रखेंगे. इन तीन किसानों को फरवरी-मार्च में गिरफ्तार किया गया था. रेल रोको आंदोलन के बाद से ही रेलवे ने चंडीगढ़ से गुजरने वाली डायवर्ट ट्रेनों को मंजूरी देने के लिए कम यात्रियों वाली ट्रेनों को रद्द कर दिया है. अब इस आंदोलन का सीधा असर भारतीय रेल पर नजर आने लगा है. रेलवे अथॉरिटीज को इस स्थिति को संभालने के लिए ओवरटाइम करना पड़ रहा है. लेकिन यात्रा का समय और कनेक्टिविटी यात्रियों और रेलवे दोनों के लिए ही चुनौती बना हुआ
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