पंजाब सरकार के कृषि मंत्री ने आज शाम 4:00 बजे चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में SKM पंजाब चैप्टर और BKU और उगराहां समूह के नेताओं की बैठक बुलाई है. इस बैठक की अगुवाई कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां करेंगे. लेकिन, इस बीच जोगिंदर सिंह उगराहां ने पंजाब सरकार की 21वीं बैठक में जाने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि हमारे किसान संगठन इस बैठक का हिस्सा नहीं होंगे. ऐसे में बैठक आयोजित करने का कोई औचित्य नहीं है.
उगराहां ने कहा कि हमने 19 तारीख को बैठक की तो हमारे साथी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया, अब आज की बैठक में जाएंगे तो क्या गांरटी है कि हमें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. हमारे साथी हड़ताल पर चले गए हैं और दोबारा आने पर उनका सामान आज भी फेंक दिया जाता है. हम जानते हैं कि बैठक से ही समस्या का समाधान होगा, लेकिन ऐसे में हम बैठक में नहीं जायेंगे.
बता दें कि 3 मार्च को इन किसान यूनियनों के साथ पिछली बैठक में मुख्यमंत्री मान बैठक छोड़कर चले गए थे और उन्हें आंदोलन के लिए चंडीगढ़ में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी. इसके एकदम बाद शंभू और खनौरी बॉर्डर पर हो रहे आंदोलन पर पंजाब पुलिस ने कार्रवाई कर किसानों को हिरासत में ले लिया था.
हालांकि ये कार्रवाई अलग-अलग किसान यूनियनों और नेताओं पर थी, हालांकि SKM (राजनीतिक) और उग्राहां समूहों ने हिरासत में लिए गए किसानों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण समर्थन दिखाया है, लेकिन ये लोग शंभू और खनौरी में आंदोलन का हिस्सा नहीं थे.
मालूम हो कि कि 19 मार्च को पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर करीब 13 महीने से धरने पर बैठे आंदोलनकारी किसानों पर पंजाब पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए हटा दिया है. किसानों के टेंट को बुलडोजर से तहस-नहस कर दिया गया. करीब 800 किसान हिरासत में ले लिए गए. इनमें किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर भी शामिल थे.
बता दें कि इस साल फरवरी में आंदोलनरत किसानों की केंद्र सरकार के साथ दो बार बातचीत हुई थी, उसमें भी कुछ नतीजा निकलकर सामने नहीं आया था. वहीं, अब पंजाब सरकार के एक्शन के बाद किसानों में गुस्सा है, वहीं राजनीतिक दल और केंद्रीय मंत्री भी मान सरकार के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं. हालांकि, हाईवे खुलने से आम लोगों को राहत मिली है.
(रिपोर्ट- अमन भारद्वाज/ कमलजीत संधू)
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