हरियाणा की अंबाला जेल में बंद किसान आंदोलन के वाटर कैनन बॉय नवदीप जलबेरा को कोर्ट ने जमानत दे दी है. अंबाला कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका स्वीकार कर ली और देर रात उन्हें अंबाला जेल से रिहा कर दिया गया. देर रात चली कोर्ट की कार्यवाही के बाद किसानों ने नवदीप की रिहाई पर खुशी जताई है. वहीं नवदीप के जेल से बाहर आने के बाद किसानों ने अब एसपी ऑफिस का घेराव स्थगित कर दिया है. आपको बता दें कि अंबाला में प्रदर्शन के चलते पुलिस ने धारा 163 (पहले 144) लगा दी थी. लेकिन अब कोई प्रदर्शन नहीं होगा.
आपको बता दें, नवदीप जलबेरा किसान आंदोलन के दौरान चर्चा में आए थे और उसे वाटर कैनन बॉय का नाम दिया गया था. बाद में अंबाला पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. अब हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद नवदीप का बेल बॉन्ड भरा गया और फिर उन्हें जेल से रिहा करने के आदेश जारी किए गए.
उनके खिलाफ अंबाला सदर थाने में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में अधिनियम, 1984 की धारा 3 और राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 की धारा 8बी के तहत मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने 8 मई को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसके बाद कल रात उन्हें जमानत मिली है.
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जज संदीप मौदगिल की उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि चालान 20 मई को पेश किया गया था और चूंकि वह पहले ही तीन महीने और 15 दिन जेल में बिता चुका है, इसलिए अदालत को उसे जमानत देने से इनकार करने का कोई कारण नहीं दिखता. न्यायालय ने यह भी कहा कि मुकदमे में लंबा समय लगने की संभावना है क्योंकि 52 में से किसी भी गवाह से अब तक पूछताछ नहीं की गई है. इसलिए उन्हें अनिश्चित काल के लिए सलाखों के पीछे रखना भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन होगा, इसलिए उनकी रिहाई का आदेश दिया गया.
अदालत के सामने पेश किए गए रिकॉर्ड के अनुसार, नवदीप 15 से अधिक मामलों में शामिल है, और उनमें से छह में उन्हें बरी कर दिया गया है और तीन मामलों में अभी भी जांच चल रही है. "सभी मामले एक ही तर्ज पर हैं, जो एक ही आरोपों के आधार पर निकटता में दर्ज किया गया मालूम होता है. इसके अलावा, सभी मामले केवल अंबाला जिले में दर्ज किए गए हैं, जो इस अदालत के लिए यह अनुमान लगाने के लिए काफी है कि याचिकाकर्ता को उन सभी मामलों में गलत तरीके से घसीटा जा रहा है,".
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