खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन को समर्थन देते हुए 111 किसानों ने बुधवार को अपनी मांगों को लेकर बॉर्डर पर आमरण अनशन शुरू कर दिया है. इसके साथ ही पिछले 51 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल का समर्थन भी किया है. बुधवार दोपहर 111 किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग की ओर बढ़ा और बाद में शांतिपूर्वक आमरण अनशन पर बैठ गया. हरियाणा पुलिस बड़ी संख्या में वहां जुटी हुई है ताकि किसान बॉर्डर पार न करें. पुलिस ने इस बात पर भी जोर दिया कि किसान हरियाणा के इलाके से दूर रहें, लेकिन किसान हरियाणा क्षेत्र में बैरिकेडिंग से कुछ मीटर की दूरी पर आमरण अनशन पर बैठ गए.
आपको बता दें कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पिछले 11 महीनों से किसान आंदोलन चल रहा है और किसान केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि एमएसपी की कानूनी गारंटी लागू की जाए. ये भी मांग है कि किसानों का कर्ज माफ किया जाए, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए और सरकार की ओर से पेंडिंग मांगों को पूरा किया जाए. हालांकि किसान नेता लगातार केंद्र सरकार से बातचीत शुरू करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है.
आमरण अनशन पर बैठे 111 किसानों का नेतृत्व कर रहे सुखजीत सिंह हरदोझंडे ने कहा, "हमारे पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं था. डल्लेवाल 51 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हैं और सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. इसलिए हमने फैसला किया है कि 111 किसान डल्लेवाल के समर्थन में आएंगे. हां, हम हरियाणा क्षेत्र में शांतिपूर्वक बैठे हैं और यह हरियाणा सरकार पर निर्भर है कि वह क्या प्रतिक्रिया देना चाहती है, लेकिन हमारा संघर्ष जारी रहेगा."
इन किसानों की हरियाणा पुलिस के साथ बातचीत हुई है. बातचीत में किसी भी तरह की अशांति नहीं फैलाने का भरोसा दिया है. बातचीत में हरियाणा पुलिस और किसानों में एक सहमति बनी है. इस सहमति के मुताबिक किसान हरियाणा पुलिस द्वारा बॉर्डर पर लगाई गई एक रस्सी के आगे नहीं बढ़ेंगे. किसान इसी रस्सी के उस पार धरने पर बैठे हैं.
डल्लेवाल से लंबे समय से जुड़े किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बुधवार को केंद्र सरकार पर किसानों की मांगों पर ध्यान न देने का आरोप लगाया. कोहाड़ ने कहा, "आज डल्लेवाल का आमरण अनशन 51वें दिन में प्रवेश कर गया. केंद्र न तो कुछ सुनने को तैयार है, न ही बातचीत शुरू कर रहा है और न ही हमारी मांगों को पूरा कर रहा है."
प्रदर्शनकारी किसानों ने पहले कहा था कि अगर डल्लेवाल के साथ कुछ भी अनहोनी होती है, तो केंद्र उसके बाद की स्थिति को संभाल नहीं पाएगा. आंदोलनकारी किसानों के साथ बातचीत कर गतिरोध खत्म करने के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में कहा था कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार काम करेगी.
डल्लेवाल के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में कोहाड़ ने कहा कि अनिश्चितकालीन अनशन के कारण उनकी हालत "गंभीर" है. कोहाड़ के अनुसार डॉक्टरों ने कहा है कि उनका शरीर अब पानी भी नहीं ले पा रहा है और जब भी वे पानी पीते हैं, तो उन्हें उल्टी हो जाती है. डल्लेवाल का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने पहले ही कहा है कि उनका स्वास्थ्य हर दिन "बिगड़ता" जा रहा है. किसानों ने पहले कहा था कि डल्लेवाल पिछले साल 26 नवंबर से कुछ भी नहीं खा रहे हैं और केवल पानी पर जिंदा हैं.
(असीम बस्सी की रिपोर्ट)
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