करनाल के शामगढ़ के मशहूर मीठे खरबूज चीनी की मिठास को भी फेल करता है. गांव में पिछले 30 सालों से खरबूजे की खेती की जा रही है. किसान अपने खेतों से खरबूज तोड़कर दिल्ली-अमृतसर नेशनल हाईवे पर बेचते हैं, जहां से निकलने वाले राहगीर इन्हें शौक से खरीदते हैं.
खरबूज विक्रेता जसबीर ने बताया कि कई सालों से किसान अपने खेतों में खरबूजे की खेती कर रहे हैं. जसबीर ने बताया कि उनके दादा और पिता भी खरबूजे की खेती करते थे. वहीं, उनकी तीसरी पीढ़ी खरबूजों की खेती कर रही है. इसकी वजह से किसानों और मजदूरों का रोजगार भी मिल रहा है.
जसबीर ने कहा कि कई राज्यों से यहां से लोग इस हाइवे से गुजरते समय हमारे गांव शामगढ़ से खरबूजा जरूर अपने साथ लेकर जाते हैं. पूरा परिवार खरबूजे की खेती करता है. वहीं, यहां का खरबूजा मिश्री से भी मीठा है. इस खरबूज को मधु रस खरबूजे के नाम से जाना जाता है.
वहीं, एक अन्य खरबूज विक्रेता रोहतास कुमार ने बताया कि शामगढ़ का देसी मधु खरबूजा बहुत मशहूर है. खाने में सबसे ज्यादा लोग इस खरबूजे को पसंद करते हैं. यह खरबूज दिल्ली में भी काफी मशहूर है. उन्होंने कहा कि वह काफी लंबे समय से अपने घरवालों के साथ मिलकर खरबूजे की खेती करते आ रहे हैं.
हाईवे पर खरबूज खरीदने के लिए रुके राहगीर ओम ने बताया कि यहां का खरबूजा काफी मशहूर है और मीठा भी है. लेकिन, मंडी की बजाय यहां पर रेट कुछ ज्यादा है. हालांकि, बाकी खरबूजा काफी मीठा होता है. खरबूजे का टेस्ट और क्वालिटी काफी अच्छी होती है. वह बहादुरगढ़ से हैं और अक्सर यहां से खरबूजा खाते हैं और साथ में घर भी लेकर जाते हैं.
खरबूज खरीदते समय इसके ऊपरी भाग स्टेम (तने) को देखें. अगर यह आसानी से दब रहा है तो खरबूजा मीठा निकलता है. कलर से मीठे खरबूजे का पता लगा सकते हैं. दरअसल, अगर खरबूजे की बाहरी परत पीली है और उस पर जाली जैसी हरी धारियां हैं तो यह अंदर से बहुत मीठा और स्वादिष्ट होगा.
वहीं, खरबूजा अगर नीचे से डार्क है तो मीठा निकलता है. निचला हिस्सा सामान्य होने पर यह फीका निकल सकता है. खरबूजे से तेज खुशबू आने पर भी खरबूजा मीठा निकलता है. हल्की खुशबू होने पर कम मीठा हो सकता है. मीठा और पका हुआ खरबूजा कम वजनदार होता है.
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