पंजाब में इस हफ्ते धान खरीद बंद हो रही है.पंजाब में धान खरीद का सीजन इस हफ्ते खत्म हो रहा है और अब राज्य में स्टोरेज की समस्या बढ़ती ही जा रही है. इसको लेकर पंजाब के राइस मिलर्स एसोसिएशन ने केंद्र से इस मामले में तुरंत दखल के लिए अपील की है. साथ ही, चेतावनी भी दी है कि फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के पास अभी सिर्फ 22 लाख मीट्रिक टन (LMT) चावल रखने की जगह है, जबकि इस सीजन में 105 LMT चावल की मिलिंग की जाएगी.
राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट ज्ञान चंद भारद्वाज ने कहा कि पंजाब को इस साल 156 लाख मीट्रिक टन धान मिला है, जिसे प्रोसेसिंग के लिए मिलर्स को दे दिया गया है. इसमें से 105 लाख मीट्रिक टन चावल FCI को सप्लाई किया जाना है. उन्होंने कहा कि मिलर्स को 30 अप्रैल, 2026 तक 10 प्रतिशत टूटे हुए चावल के साथ 20 लाख मीट्रिक टन चावल और 25 परसेंट टूटे हुए चावल के साथ 85 लाख मीट्रिक टन चावल सप्लाई करने के लिए कहा गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि इस डेडलाइन के बाद कोई भी देरी होने पर गर्मियों में बढ़ते तापमान के कारण टूटे हुए चावल का प्रतिशत बढ़ जाएगा.
राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि सबसे बड़ी चुनौती पंजाब के गोदामों में जगह की बहुत ज़्यादा कमी है. जगह बनाने के लिए, उन्होंने केंद्र से मौजूदा स्टॉक को दूसरे राज्यों में भेजने या एक्सपोर्ट को आसान बनाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाने की अपील की. उन्होंने कहा कि इसे 30 अप्रैल, 2026 से पहले पूरा किया जाना चाहिए. प्रेस मीट में जयपाल गोयल (कपूरथला), नामदेव अरोड़ा, अरविंद जुल्का (गुरदासपुर), अश्वनी कुमार, बलविंदर सिंह धुरी, संजीव कुमार मानसा, अमित गोयल रिशु, राजीव शेरू, बंटी धुरी, अनिल धवन और पवन कुमार समेत बड़ी संख्या में मिलर्स शामिल हुए.
गौरतलब है कि पंजाब में इस हफ्ते धान खरीद बंद हो रही है. दो दिन पहले ही फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट ने इस हफ्ते धान खरीद अभियान को खत्म करने का फैसला किया है. इसका कारण ये है कि मंडियों में आवक अब करीब जीरो हो गई है और इसके चलते विभाग को यह फैसला लेना पड़ा है. वहीं इस साल धान की आवक और खरीद, दोनों ही बेहद कम रही और पिछले 9 सालों में यह पहला मौका है जब इतनी कम खरीद हुई है. विभाग के अनुसार अब तक सिर्फ 156 लाख टन धान की ही खरीद हो पाई है, जो अनुमानित 180 लाख टन की तुलना में करीब 25 लाख टन कम है.
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