राजधानी दिल्ली में यमुना के जलस्तर में लगातार इजाफा देखा जा रहा है. इसके कारण कई निचले इलाकों में पानी घुस गया है तो वहीं दिल्ली के मदनपुर खादर इलाके में सैकड़ों बीघे जमीन की फसल पानी में डूबने के कारण खराब हो गई है. यहां सैकड़ों बीघे जमीन पर लगाई गई सीजनल सब्जियों की फसल बाढ़ के पानी में डूब कर खराब हो गई है. इससे कई किसानों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया है. किसानों ने कड़ी मेहनत से फसल उगाई थी, लेकिन उसका फायदा मिलने के बजाय उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है.
राजधानी दिल्ली में बाढ़ का पानी लगातार निचले इलाकों में घुस रहा है तो रिहायसी कॉलोनी के साथ ही खेतों का भी बाढ़ का पानी नुकसान कर रहा है. यहां किसानों की फसल बर्बाद हो रही है. इस कड़ी में दिल्ली के मदनपुर खादर इलाके में यमुना किनारे सैकड़ों बीघे में खेती की फसल डूब गई है. किसानों का कहना है कि मदनपुर खादर इलाके में सैकड़ों बीघे जमीन की फसल पानी में डूबने के कारण खराब हो गई है. वहीं इन खेतों के बीच झुग्गी बना कर रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है. अब पानी आने के बाद वे यहां से अपना सामान और मवेशियों लेकर बाहर निकल रहे हैं और ऊंचाई पर शरण ले रहे हैं.
राजधानी दिल्ली के मदनपुर खादर इलाके के यमुना किनारे बड़े पैमाने पर खेती होती है. यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद इन सभी खेतों में पानी पहुंच गया है. इस खेत बिल्कुल जलमग्न नजर आ रहे हैं और अब इन खेतों की फसल डूब गई है. वही यहां खेती करने वाले किसान जो झुग्गी बनाकर रहते हैं, उनकी झुग्गियां डूब गई हैं और कई डूबने वाली हैं. इसके बाद लोग यहां से जगह खाली कर निकल रहे हैं. किसानों ने बताया कि पानी लगातार बढ़ रहा है. उनकी सैकड़ों बीघे की जमीन जिसमें सीजनल सब्जी की फसल लगाई थी, वह डूब गई है. यहां काफी नुकसान हुआ है. एक किसान ने कहा, हम लोग यहां रहकर खेती-बाड़ी करते हैं, लेकिन खेती हमारी डूब गई है. सीजनल सब्जियों की फसल लगाई थी, वह सब डूब गई है.
किसान ने बताया कि इस पूरे इलाके में साग, भिंडी, तोरी जैसी सब्जियों की खेती होती थी, लेकिन बाढ़ आने से सब डूब गया है. खेती का बहुत नुकसान हुआ है. एक किसान ने बताया कि सब्जी का नुकसान होने के बाद उनका काम पूरी तरह से ठप हो गया है. अब उनके पास कोई काम नहीं है क्योंकि सब्जियों को बेचकर ही गुजारा करते थे. लाल चौलाई और हरी चौलाई जैसे घास की खेती पर उन्होंने 60 हजार रुपये लगाए थे. अब पूरा पैसा यमुना के पानी में डूब चुका है. सरकार से निवेदन है कि वह मदद करे. महिला किसान ओमवती ने कहा कि उन्होंने पालक, सरसों, मूली के साग लगाए थे, अब सब डूब गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कुछ मिल जाएगा तो ठीक वरना बिना काम के बैठे रहेंगे. बदायूं की रहने वाली महिला किसान ओमवती ने किराये पर 4-5 बीघा जमीन लेकर खेती की है, मगर अब सबकुछ डुब चुका है. किसान ओमपाल ने बताया कि तीन बीघे में मूली, मिर्च, गांठ गोभी, फूलगोभी आदि की खेती की थी, लेकिन बाढ़ में सबकुछ डूब गया है.(आशुतोष कुमार का इनपुट)
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