बिहार में विकास से जुड़ी कई योजनाएं कार्यरत हैं, लेकिन यह देखा जा रहा है कि कई परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. भू-अर्जन से जुड़े मामलों का सही और समयबद्ध निपटारा हो, इसी उद्देश्य से बुधवार को राजस्व सर्वेक्षण (प्रशिक्षण) संस्थान, शास्त्रीनगर, पटना में जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों और अपर जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों के लिए दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया.
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि भू-अर्जन की प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं और विलंब को दूर करने के लिए रणनीतिक ढंग से काम करने की आवश्यकता है. न्यायालय में लंबित विवादों को कम करना और भू-अर्जन की प्रक्रिया का अंतिम निष्पादन समय पर सुनिश्चित करना ही विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. गौरतलब हो कि बिहार में भूमि सर्वे का काम किया जा रहा है. वहीं 16 अगस्त से रैयत की भूमि में त्रुटि के सुधार को लेकर राजस्व महाअभियान भी चलाया जा रहा है, जिसको लेकर लोग अपने कागजातों के साथ लगने वाले शिविर में बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव गोपाल मीणा ने पुराने मामलों से जुड़े केस स्टडी साझा किए और उसका हवाला देते हुए कहा कि भू-अर्जन में त्वरित कार्रवाई से परियोजनाएं समय पर पूरी होंगी और विकास की गति बढ़ेगी. वहीं, उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि कार्य में देरी से सरकार से लेकर रैयत दोनों को काफी नुकसान होता है. सचिव मीणा ने वैसे भी मामलों पर प्रकाश डाला, जो थोड़ी सी लापरवाही से वर्षों से लंबित हैं. उन्होंने सभी अधिकारियों से लंबित या विवादित मामलों में उचित कार्रवाई करने की सलाह दी.
भू-अर्जन पदाधिकारियों के दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन संबंधित भू-अर्जन निदेशक कमलेश कुमार सिंह ने कहा कि राज्य में कई विकास से जुड़ी परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है. वहीं, सड़कों से जुड़े मामले में पटना–पूर्णिया, रक्सौल–हल्दिया, गोरखपुर–सिलीगुड़ी और वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेस वे का 1626.37 किलोमीटर भाग का कार्य बिहार में होना है, जिसके लिए 1,18,849.40 करोड़ रुपये स्वीकृत हैं. इन परियोजनाओं को वर्ष 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इन सभी परियोजनाओं के पूर्ण होने से राज्य के विकास को एक नई गति मिलेगी. इसलिए इन परियोजनाओं को समय से पूरा करना सबकी जिम्मेदारी है.
सहायक निदेशक आजीव वत्सराज ने एनएच एक्ट 1956 और रेलवे एक्ट 1989 की बारीकियों से अधिकारियों को अवगत कराया और सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में भू-अर्जन की प्रक्रिया कम से कम समय में पूरा करने की सफलता का उदाहरण साझा किया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में भू-अर्जन निदेशालय के सहायक भू-अर्जन पदाधिकारी कमल नयन कश्यप, रवि सिन्हा, पंकज कुमार झा और शिव जी समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे.
बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से चलाए जा रहे राजस्व महाअभियान के तहत पंचायत भवन में सुबह से ही लोग अपने कागजात और भूमि सुधार से संबंधित आवेदन लेकर पहुंच रहे हैं. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग की ओर से ऑनलाइन डाले गए विवरण में काफी गलतियां हैं, जिन्हें सुधरवाने के लिए यहां आ रहे हैं. ग्रामीणों का मानना है कि विभाग का यह अभियान सराहनीय है, लेकिन इसकी सफलता तभी संभव है जब भ्रष्टाचार पर सख्त रोक लगाई जाए. वहीं, कई लोग ऐसे भी मिले, जो अपनी जमीन की रसीद कटवाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं.
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