
विश्व मछुआरा दिवस में गुजरात के अहमदाबाद में ग्लोबल फिशरी कॉनफ्रेंस 2023 का आयोजन किया गया. इस मौके पर देश और विदेशों में मछली पालन से लेकर मछली पकड़ने और और एक्सपोर्ट के क्षेत्र में जो भी कदम उठाए जा रहे हैं उस पर चर्चा की गई है और इस सभी को एक मंच पर लाने का प्रयास किया गया ताकि सब एक साथ मिलकर कार्य कर सके और इस क्षेत्र को और अधिक बढ़ावा दिया जा सके. इस कॉनफ्रेंस में केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन औऱ दुग्ध उत्पादन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, राज्य मंत्री संजीव बाल्यान समेत कई राज्यों के कृषि मंत्री और देश भर के विभिन्न राज्यों से आए मत्स्य विभाग के अधिकारी शामिल हुए.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इस मछली के क्षेत्र में इस तरह का पहला ग्लोबल कॉन्फ्रेंस हो रहा है और पहली बार अहमदाबाद को इस तरह का आय़ोजन करने का मौका मिला है. इसलिए गुजरात के पास खुद की उपलब्धि को विश्व के सामने दिखाने का मौका है. मछली पालन देश में एक उभरता हुआ क्षेत्र है और इस तरह से एक बड़ा आयोजन करन बड़ी उपलब्धि को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि मछ्ली उत्पादन के मामले में भारत विश्व का तीसरा देश हैं और यह लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे अवसर में हमे जानना होगा कि आखिर इस क्षेत्र में नये इंटरप्रेन्योर्स और किसानों को किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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इसके साथ ही यह जानना जरूरी है कि मछली पालन के क्षेत्र में और क्या संभावनाएं हैं. देश के किस राज्य में मछली पालन के क्षेत्र में बेहतर और नए तौर तरीके अपनाएं जा रहे हैं. इसके अलावा मत्स्य पालन के क्षेत्र में दुनिया के अलग-अलग देशों में क्या नई तकनीक अपनाएं जा रहे हैं और नए प्रयोग किए जा रहे हैं. साथ ही एक मछुआरा से लेकर मछली व्यापारी, मछली निर्यातक, मछली के प्रसंस्कऱण क्षेत्र में काम करने वाले लोग, इसे लेकर पॉलिसी बनाने वाले लोगों को एक मंच पर लाने के लिए यह कॉनफ्रेस सबसे अच्छा प्रयास है.
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इसके जरिए यह भी मंथन होना जरूरी है कि किस प्रकार से हमारे देश के फिशरी सेक्टर को एक बेहतर मार्ग दिखाया जाए. पुरुषोत्तम रुपाला ने बताया की इस कार्यक्रम के जरिए आज गुजरात सरकार ने अपनी स्टेट फिश की घोषणा की. पिछले दिनो उत्तर प्रदेश ने भी एक कार्यक्रम के दौरान अपने स्टेट फिश को घोषित किया था. जबकि यह पहले नहीं होता है. तो इस तरह से इस क्षेत्र में अब जारूकता आ गई है. यह दिखाता है कि इस क्षेत्र में लोगों का रुझान बढ़ा है. उन्होंने बताया की कार्यक्रम के दौरना कई विषयों पर बात होगी. इसके बाद जो बातें निकलकर सामने आएंगे उसके आधार पर नीति निर्धारित किए जाएंगे ताकि फिशरी सेक्टर को और आगे ले जाया जा सकेगा.
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