
सवाल आसान है, पर आपको जवाब देने में थोड़ा जरूर सोचना पड़ेगा. सवाल है कि जब गेहूं में पानी लगाते हैं यानी सिंचाई करते हैं तो वहां बगुले कहां से आ जाते हैं और वे किसलिए आते हैं? आप खुद सोचिए और मन ही मन जवाब ढूंढिए. दरअसल कवि कुमार विश्वास ने यह सवाल आम लोगों से पूछा है. उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, गेंहू में पानी लगते ही बगुले क्यूँ इकट्ठे हो जाते हैं? देखें ज़रा कृषि-ज्ञान आपका. इस सवाल का जवाब कई लोगों ने कमेंट बॉक्स में दिए हैं. आइए इस सवाल का जवाब जान लेते हैं.
इस सवाल पर सबसे पहला जवाब आया है Knowledge ज्ञान नाम के एक एक्स अकाउंट से. इसमें लिखा गया है, 'बगुले, खेतों में निकलने वाले कीड़ों को खाकर किसानों का नुकसान बचाते हैं. जुताई के समय, बगुले हल के पीछे-पीछे चलते हैं और कीड़ों को खाते हैं. पटवन (सिंचाई) के दौरान भी बगुले कीड़ों को खाते हैं.' इस जवाब से स्पष्ट है कि बगुले असल में पानी लगे खेतों में कीड़ों को खाने के लिए आते हैं. इससे किसानों को फायदा तो होता ही है, बगुलों का पेट भी भर जाता है.
इसी तरह का एक जवाब 'मैं भारतवासी' नाम के एक्स अकाउंट से दिया गया है. इसमें यूजर ने लिखा है, 'बगुले पानी में होने वाले कीड़े-मकोड़ों और केंचुओं को खाने के लिए आते हैं, जो गेहूं की फ़सल को नुकसान पहुंचा सकते हैं. प्रकृति का अद्भुत चक्र..' अनु सैनी नाम की एक और यूजर ने जवाब में लिखा है-केंचुए खाने के लिए.
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कुमार विश्वास के एक्स पर कई लोगों ने अपने जबाव दिए हैं. लगभग सभी जवाब में एक बात कॉमन है कि बगुले पानी लगे खेत में कीड़ों को खाने के लिए आते हैं. इसका सही जवाब यही है कि गेहूं के खेत में पानी लगाने पर मिट्टी से कीड़े बाहर आ जाते हैं और उन्हीं को खाने के लिए बगुले आते हैं. इस तरह उनके खाने का इंतजाम हो जाता है. खेत में पानी भरते ही छोटे छोटे कीड़े मकोड़े और काले झींगुर ऊपर आ जाते हैं जिन्हें बगुला अपना भोजन बना लेते हैं.
एक यूजर ने लिखा है कि जमीन के अंदर कीट पतंगे रहते हैं. सिंचाई के जरिये जमीन में पानी मिलने पर वे बाहर आ जाते हैं और बगुले उनका शिकार करते हैं. यदि आपके आसपास पेड़ पौधे हैं, कोई भी पक्षी उस पर बैठता है तो आपका फायदा ही करता है क्योंकि वह इल्लियां खाता है. अगर यह सब चीज आपके पास है तो आपको कीटनाशक छिड़कने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इतना ही नहीं, जुताई के समय बगुले हल के पीछे-पीछे चलते हैं और कीड़ों को खाते हैं. पटवन के दौरान भी बगुले कीड़ों को खाते हैं.
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