गेहूं की अधिक पैदावार पाने के 13 आसान नुस्खे, ध्यान से पढ़ें किसान
गेहूं की खेती में इसकी किस्मों से लेकर खाद और सिंचाई तक का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. तब जाकर ही किसान अपने खेत से गेहूं की अच्छी पैदावार हासिल कर सकते हैं.
गेहूं की खेती भारत में बहुत जरूरी मानी जाती है क्योंकि देश में चावल के बाद सबसे अधिक गेहूं की खपत होती है. पर बदलते मौसम के कारण गेहूं की खेती में कई प्रकार की परेशानी सामने आ रही है. इसके कारण उत्पादन में कमी देखी जा रही है. पर किसान अगर गेहूं की खेती में कुछ खास बातों का खयाल रखें और उसे अपनाएं तो पैदावार में बढ़ोतरी हो सकती है. गेहूं की खेती भारत में रबी सीजन में की जाती है. गेहूं की खेती में इसकी किस्मों से लेकर खाद और सिंचाई तक का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. तब जाकर ही किसान अपने खेत से गेहूं की अच्छी पैदावार हासिल कर सकते हैं. आज इस खबर के जरिए हम आपको बताएंगे की किस प्रकार किसान 13 आसान नुस्खे को अपनाकर गेहूं की अधिक पैदावार हासिल कर सकते हैं.
गेहूं की अधिक पैदावार हासिल करने के टिप्स
गेहूं की खेती में बीज का योगदान बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसलिए हमेशा अपने क्षेत्र के लिए अनुशंसित नई प्रजाति के बीज का चुनाव करें.
बीज की गुणवत्ता सही होगी तो अंकुरण सही होगा और पैदावार सही होगी, इसलिए हमेशा प्रमाणित बीज का ही इस्तेमाल करें.
गेहूं की खेती में पौधौं में दाना आने के समय तापमान का सही होना बेहद जरूरी है, इसलिए अच्छी उपज के लिए समय से इसकी बुवाई करें.
गेहूं की खेती में उर्रवरकों का अधिक उपयोग भी नुकसान कर सकता है इसलिए सबसे पहले खेत की मिट्टी की जांच करें इसके बाद जरूरत के हिसाब से निर्धारित मात्रा में उर्रवरकों का इस्तेमाल करें.
खेत की मिट्टी में सूक्ष्म तत्वों की उपलब्धता की जानकारी होने के बाद आवश्यकतानुसार जिंक या मैंगनीज जैसे तत्वों का प्रयोग खेत में करे.
कल्लर भूमि में गेंहू की खेती करने के लिए सबसे पहले उस मिट्टी में उपयुक्त रसायनों का प्रयोग करके भूमिं की गुणवत्ता का सुधार करें इसके बाद उस खास मिट्टी के लिए अनुशंसित गेहूं की विशेष प्रजातियों की ही खेती करें.
किसी भी खेती में खरपतवार का नियंत्रण बेहद जरूरी होता है. गेहूं की खेती में भी समय से खर-पतवार का नियंत्रण करें और खरपतवार नाशक केमिकल्स का प्रयोग करें.
गेहूं की खेती में अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है. इसलिए आवश्यकतानुसार उचित समय पर सिंचाई करें और ध्यान रखें की अधिक मात्रा में पानी खेत में ना दिया जाए.
खेत में फसल और पोधों को कीट, पतंगों और रोगों से बचाव के लिए उचित समय पर बचाव के तरीकों को अपनाएं.
फसल बुवाई से लेकर हार्वेस्टिंग और फिर छंटाई तक के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले मशीनों का इस्तेमाल करें. साथ ही मशीनों का इस्तेमाल करने के दौरान शारीरिक सुरक्षा का खास ध्यान रखें.
फसल पकने के तुंरत बाद कटाई करें, ताकि अधिक पक जाने के कारण दाने छिटक कर बाहर न गिरें इससे नुकसान हो सकता है.
अनाज को कीड़ों के प्रकोप से बचाने के लिए अच्छी तरह से सुखाने के बाद साफ कंटनेरों में इसका भंडारण करें.