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Holi Special: अयोध्या में हनुमान जी खुद न्योता देने जाते हैं! होली पर निकलता है ये पवित्र निशान

Holi Special: अयोध्या में हनुमान जी खुद न्योता देने जाते हैं! होली पर निकलता है ये पवित्र निशान

अयोध्या में रंग भरी एकादशी के साथ मंदिरों में होली शुरू हो जाती है, जिसमें होली तक पूरी अयोध्या फागुनी रंग में सराबोर हो जाती है. अयोध्या में इसी खास अवसर पर निकलने वाले हनुमान गढ़ी के पवित्र निशान के साथ नागा साधु सड़कों पर और मंदिर-मंदिर रंग गुलाल के साथ होली खेलते हैं.

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रंगभरी एकादशी रंगभरी एकादशी

होली खेले रघुवीरा, अवध में होली खेले रघुबीरा… भगवान राम के बारे में होली के ख़ास अवसर पर गाए जाने वाले इस ख़ास गीत को सुनकर अवध में खेली जाने वाली होली के स्वरूप और परंपरा का भान हो जाता है. इस बार अयोध्या में रंग भरी एकादशी अयोध्या के लिए राम वाली होली है क्योंकि रामलला के भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद की यह पहली रंग भरी एकादशी है. वैसे अयोध्या में होली के कई रंग दिखते हैं. इसमें साधु संतों की मानें तो इस दिन वे किसी और के साथ नहीं बल्कि साक्षात भगवान राम के साथ ही होली खेलते हैं.

चाहे वह सड़कों पर रंग गुलाल खेलते साधु संत हों, करतब दिखाते साधु संत हों या फिर अवधी लोकगीत पर झूमते मंदिरों के साधु संत. इस मौके पर अवध के नृत्य संगीत का जो जादू मंदिरों में दिखाई देता, वह वशीभूत करने वाला होता है. साधु संत हों या आम नागरिक, सभी इस दिन अपनी सुध-बुध खोकर होली के रंग में डूब जाते हैं.

बेहद खास है ये परंपरा

अयोध्या में रंग भरी एकादशी के साथ मंदिरों में होली शुरू हो जाती है, जो होली तक पूरी अयोध्या फागुनी रंग में सराबोर हो जाती है. अयोध्या में इसी ख़ास अवसर पर निकलने वाले हनुमान गढ़ी के पवित्र निशान के साथ नागा साधु सड़कों पर और मंदिर-मंदिर रंग गुलाल के साथ होली खेलते है. बैंड-बाजे के साथ अयोध्या की सड़कों पर होली के अवसर पर निकलने वाला साधु संतों का काफिला सब कुछ भूल होली के हुड़दंग में शामिल हो जाता है. सड़कों पर गाजे-बाजे के साथ तरह-तरह के करतब दिखाते और रंग गुलाल उड़ाते साधु संत मंदिर-मंदिर जाते हैं. साथ ही वंहां मौजूद साधु संतों को लेकर उस मंदिर में पूजा अर्चना कर साथ लेकर आगे बढ़ जाते हैं.

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ऐसी मान्यता है कि अयोध्या में हनुमान जी सभी देवी देवताओं को निमंत्रण देने खुद जाते हैं. इसलिए उनका पवित्र निशान वर्ष में केवल एक बार इसी ख़ास अवसर पर निकाला जाता है.

होली का विशेष महत्व

राजू दास (महंत हनुमानगढ़ी) ने बताया कि होली का आज विशेष महत्व है. आज रंगभरी एकादशी है. रंग भरी एकादशी के दिन से ही हम लोग होली की शुरुआत करते हैं. उन्होंने कहा कि वैसे तो वह प्रतिदिन हनुमान जी महाराज को गुलाल लगाते हैं. लेकिन आज रंग भरी एकादशी है, इसलिए आज हनुमान जी महाराज का विधिवत पूजन करेंगे और अबीर गुलाल लेकर हनुमानगढ़ी से विभिन्न मंदिरों में जाकर ठाकुर जी को गुलाल लगाते हैं और पंचकोसी परिक्रमा करते हैं. साथ ही अयोध्या में प्रमुख मंदिरों में ठाकुरजी को निमंत्रण देते हैं. इसी के साथ अयोध्या में आज यानी रंगभरी एकादशी होली की शुरुआत हो जाती है.

आज मस्ती में साधु संत नाचते हैं. ठाकुर जी के लिए खूब बढ़िया-बढ़िया सुंदर-सुंदर भजन गाते हैं. 'होली खेले रघुवीरा अवध में' गाते हुए अलग-अलग मंदिरों में पूजा अर्चना करते हुए हनुमान जी को सरयू स्नान कराने के बाद हनुमानगढ़ी में उनको स्थापित करते हैं.

क्या है रंगभरी एकादशी

इस साल रंगभरी एकादशी 20  मार्च को मनाई जा रही है. इसे आमलकी एकादशी और होली एकादशी भी कहा जाता है. यह एकादशी भगवान विष्णु और शिव जी को समर्पित होता है. रंगभरी एकादशी होली त्योहार से कुछ दिन पहले मनाई जाती है. यह पर्व फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है. इस विशेष तिथि को अयोध्या में होली खेली जाती है. (बनवीर सिंह की रिपोर्ट)