अब सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों का हमला भी आपदा लिस्ट में शामिल, 4 लाख मिलेगा मुआवजा

अब सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों का हमला भी आपदा लिस्ट में शामिल, 4 लाख मिलेगा मुआवजा

UP government: यूपी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, अब सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के हमले को भी आपदा माना जाएगा. ऐसे में सरकार इन जानवरों के हमले में जान गंवाने वाले किसानों या आम लोगों को मुआवजा देगी.

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अब सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों का हमला भी आपदा लिस्ट में शामिल, 4 लाख मिलेगा मुआवजाजानवरों का हमला भी आपदा लिस्ट में शामिल

उत्तर प्रदेश में अब जंगली जानवरों और कीटों के हमले को भी राज्य आपदा माना जाएगा. सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के हमलों में जान जाने या घायल होने की स्थिति में अब सरकार मुआवजा देगी. दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार अब सियार, लोमड़ी और मधुमक्खियों के हमलों को भी राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल करने जा रही है. इस प्रस्ताव को राज्य कार्यकारिणी समिति ने मंजूरी दे दी है. जल्द ही इसकी अधिसूचना भी जारी की जाएगी.

पिछले साल हुई थीं इतनी घटनाएं

बता दें कि पिछले साल बहराइच समेत कई जिलों में ऐसे हमलों में आठ बच्चों और एक महिला की जान गई थी. वहीं, देवगढ़ में मधुमक्खियों के हमले में सीडीओ कमलाकांत पांडेय सहित नौ अधिकारी घायल हुए थे. इसके अलावा पीलीभीत में सियारों ने सात बच्चों समेत 12 लोगों को घायल कर दिया था. इन्ही सभी घटनाओं को देखते हुए सरकार ने इसे आपदा घोषित किया है.

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राज्य आपदा में ये घटनाएं थीं शामिल

राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया. फिलहाल, राज्य आपदा सूची में बेमौसम बारिश, आकाशीय बिजली, सांप का डंसना, नीलगाय और सांड के हमले जैसी घटनाएं शामिल हैं, जिनमें अब इन नए हमलों को भी जोड़ा जाएगा.

मृतकों को 4 लाख मिलेगा मुआवजा

इन हमलों में मौत होने पर पीड़ित परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा. घायल व्यक्ति का इलाज सरकारी अस्पतालों में निशुल्क किया जाएगा, लेकिन इसके लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट कारण होना अनिवार्य होगा. वहीं, मुआवजा पाने के लिए पीड़ित परिवार 1070 हेल्पलाइन पर या जिले के डीएम/एडीएम को सूचना देकर आवेदन कर सकते हैं. तहसील स्तर की रिपोर्ट के बाद 24 से 72 घंटे के भीतर मुआवजा जारी करने का प्रावधान रखा गया है. राज्य सरकार का यह कदम उन ग्रामीण इलाकों के लिए राहत साबित हो सकता है, जहां ऐसे हमलों की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं.  

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