Tomato Price: सेब से महंगा बिक रहा टमाटर, पर सितंबर से घटेंगे दाम... ये है वजह

Tomato Price: सेब से महंगा बिक रहा टमाटर, पर सितंबर से घटेंगे दाम... ये है वजह

मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में सेब से भी महंगा बिक रहा है टमाटर, मौजूदा समय में वहां सेब 50 से 100 रुपये किलो है तो वहीं टमाटर 160 रुपये किलो. किसानों की शिकायत है कि सरकार इस मुश्किल समय में उनकी मदद नहीं कर रही है.

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Tomato Price: सेब से महंगा बिक रहा टमाटर, पर सितंबर से घटेंगे दाम... ये है वजहसेब से महंगा बिक रहा टमाटर

मध्य-प्रदेश के खरगोन में सेवफल से भी टमाटर महंगा बिक रहा है. यहां के पूरे निमाड़ क्षेत्र में सेवफल को ही सेब बोला जाता है. टमाटर अब तक के सबसे अधिक दाम 160 रुपये पर पहुंच गया है. उधर बाजार में सेब का दाम 50 से 100 रुपये किलो है. दूसरी ओर टमाटर की स्थिति ये हो गई है कि 40 रुपये पाव से नीचे नहीं बिक रहा है. इस बीच अच्छी खबर ये है कि इस पूरे इलाके में अब सितंबर महीने में लोकल टमाटर आएगा. इसके बाद टमाटर के भाव घटने की पूरी उम्मीद है. यहां के किसानों की शिकायत है कि सरकार इस मुश्किल समय में उनकी मदद नहीं कर रही है जिससे वे टमाटर की खेती पर अधिक ध्यान नहीं दे रहे हैं.

खरगोन जिले में करीब 30 से 35 गांवों में टमाटर की फसल ली जाती है. पिछले साल यहां 1360 हेक्टेयर में टमाटर लगाया गया था. दरअसल भरपूर उत्पादन होने पर टमाटर के दाम डेढ़ से दो रुपये किलो हो गए थे. लागत भी नहीं निकलने से कई किसानों ने अपने टमाटर को सड़कों पर फेंक दिया था तो वहीं कुछ किसानों ने मवेशियों को खिला दिया था.

टमाटर की कीमत से नहीं मिल रही राहत

इस साल दो महीने पहले लोकल टमाटर खत्म हुआ तो टमाटर के दाम आसमान छूने लगे हैं. दरअसल पांच रुपए किलो बिकने वाला टमाटर अगस्त माह में अब तक का सर्वाधिक 160 रुपये किलो बिक रहा है. जिले में अब तक करीब 300 हेक्टेयर में टमाटर के पौधे लगाए गए हैं. बाजार में टमाटर सितंबर महीने के अंत तक पहुंचेगा तब तक आम लोगों को टमाटर के भाव से किसी तरह की राहत मिलने की उम्मीद नहीं है. मंडी में सेब से डेढ़ गुना महंगा टमाटर हो गया है. टमाटर 120 से बढ़कर 160 रुपये किलो हो गया है. वहीं फुटकर व्यावसायी यानी हाथ ठेला वाले जो कॉलोनियों में सब्जियां बेचने जातें हैं उनके पास टमाटर नदारद दिख रही है.

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किसान ने ठहराई सरकार की गलती

किसान राधेश्याम कुशवाहा का कहना है कि सरकार की ये गलत पॉलिसी है जब किसान का टमाटर आता है, तब यह भाव नहीं दे पाते हैं और अभी जब टमाटर नहीं है तो भाव अत्यधिक है. इस कारण किसान को आत्महत्या करने के लिए विवश होना पड़ता है. किसान राधेश्याम ने पिछले साल तीन एकड़ में टमाटर लगाया था और उन्हें ढाई लाख का घटा हुआ था. क्योंकि पिछले साल टमाटर 40 रुपये कैरेट कोई लेने को तैयार नहीं था. इसलिए उन्हें फेकने के लिए विवश होना पड़ा था. वही टमाटर इस साल 2500 रुपये कैरेट है.

सोने के भाव बिक रहा है टमाटर 

गृहिणी कीर्ति महेंद्र चौधरी ने बताया कि अभी खरगोन मंडी में  टमाटर के भाव आसमान छू रहे हैं टमाटर 160 रुपये किलो है और सेब का 100 रुपये किलो है. उन्होंने महिलाओं से कहा कि  वो सेब खाएं क्योंकि टमाटर के भाव कम नहीं हो रहे हैं.  गृहिणी कीर्ति ने कहा कि डेली दिनचर्या में टमाटर का उपयोग किया जाता है. लेकिन टमाटर ऐसे बिक रहा जैसे दुकानों पर सोना मिलता है.

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