तेलंगाना में धान खरीद में हो रही देरी के कारण किसान संकट में आ गए हैं. राज्य के कई इलाकों में हो रही बारिश ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है. क्योंकि किसान अपनी फसल को काट कर मंडी में पहुंचा चुके हैं या अपने खेत में रखे हुए हैं. पर खरीद में हो रही देरी के कारण फसल बाहर रखा हुआ है. फसल का उठाव नहीं हुआ है इसलिए बारिश फसल भीग रही है. बारिश के कारण पूर्ववती करीमनगर, वारंगल और मेडक जिले में किसानों को खरीद केंद्रों में अपनी फसलों को बारिश से बचाकर रखने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. इससे परेशान होकर किसान कई जगहों विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
फसल तैयार होने के बाद किसान अपनी तैयार फसल को बेचने के लिए खरीद केंद्रों पर अपनी उपज बेचने के लिए लेकर गए थे. पर यहां पर धान खरीद में हो रही देरी के कारण उनकी परेशानी बढ़ गई है. अचानक हुई बेमौसम बारिश और आंधी तूफान के कारण किसानों को खरीद केंद्रों में अपनी फसलों को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. दक्कन क्रोनिकल की एर रिपोर्ट के अनुसार पूर्ववर्ती करीमनगर जिले के थेगलगुट्टापल्ली, दुर्शेड, बोम्मकल, पेद्दापल्ली, सुल्तानाबाद जुलापल्ली, कामनपुर, अलीगेडु मंथनी, रायकल, बीरपुर और धर्माराम मंडल जैसे क्रय केंद्रों पर किसान धान खरीद का इंतजार कर रहे हैं. इन केंद्रों में किसानों ने अपनी फसल को तिरपाल से ढक कर रखा था इसके बाग बाद भी बारिश होने के कारण इनका धान बारिश के पानी में बह गया.
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कई जिलों के धान खरीद केंद्रों में किसान बिना किसी प्रतिबंध के तत्काल धान की खरीद शुरू करने की मांग कर रहे थे. वहीं कुछ आंदोलनकारी किसानों ने आरोप लगाया कि पिछले दो दिनों से क्षेत्र में हुई अचानक बारिश के बारिश के कारण खरीद केंद्रों पर रखी गई उनकी उपज पानी में डूब गई जिससे उन्हें भारी नुकसान हो गया. किसानों का आरोप लगाया कि धान खरीद केंद्रों में धान खरीदने के बजाय यह कहा कि धान में केवल 17 फीसदी से अधिक नमी नहीं होनी चाहिए. जबकि कुछ किसानों ने यहां तक कहा कि खरीद केंद्रों में अधिकारी जानबूझकर धान खरीद में देरी कर रहे थे.
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इधर मेडक में भी भारी बारिश के कारण धान खरीद केंद्रों पर किसानों की फसल भीग गई है इससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है. पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से जिले के विभिन्न इलाकों में धान पूरी तरह से भीग गया है. साथ ही क्रय केंद्रों पर पहुंचाया जाने वाला अनाज चावल मिलों को नहीं भेजा गया है. नतीजतन, किसानों ने गीले अनाज की खरीद की मांग को लेकर शुक्रवार और शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया. स्थिति से निपटने के लिए, सरकार ने मेडक जिले के क्रय केंद्रों पर आने वाले अनाज को सिद्दीपेट और महबूबनगर जिलों में भेजने का फैसला किया है. जिसमें सिद्दीपेट जिले की मिलों को 15,000 मीट्रिक टन धान और महबूबनगर जिले की मिलों को 40,000 मीट्रिक टन धान का हस्तांतरण निर्धारित किया गया.
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