यह कहानी तेलंगाना के किसान बुसा कृष्णा राजू की है जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. वे डोनाल्ड ट्रंप के बहुत बड़े प्रशंसक थे. उनकी अटूट भक्ति ने उन्हें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की 6 फुट ऊंची प्रतिमा बनवाने और दूध, कुमकुम और हल्दी से अभिषेक सहित दैनिक अनुष्ठान करने के लिए प्रेरित किया. दुर्भाग्य से, कृष्ण इस दिन को देखने के लिए अब जीवित नहीं हैं, जब डोनाल्ड ट्रंप दोबारा से जीतकर राष्ट्रपति बन गए हैं. दरअसल, 11 अक्टूबर 2020 को दिल का दौरा पड़ने से किसान बुसा कृष्णा राजू निधन हो गया, जब वे कोरोना से ट्रंप के ठीक होने के लिए उपवास और प्रार्थना कर रहे थे.
किसान बुसा कृष्णा राजू के दोस्त सुभाष और अंबा लक्ष्मी ने ट्रंप के प्रति कृष्णा के अटूट समर्पण को याद करते हुए कहा कि वे पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपना भगवान मानते थे. कोनिया गांव के सुभाष ने ‘एएनआई’ से बात करते हुए कहा कि उनके दोस्त की आत्मा अब शांति से रह सकती है क्योंकि ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया है.
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सुभाष ने कहा कि मेरे मित्र बुसा कृष्णा ने हमारे गांव में ट्रंप की प्रतिमा लगवाई और दूध, कुमकुम, हल्दी से अभिषेक और सुबह-शाम की आरती भी करते थे. वे कहते थे कि उनके भगवान ट्रंप हैं. जब ट्रंप को कोविड हुआ, तो उन्होंने 15 दिनों तक उपवास किया और पूजा की. साथ ही प्रसाद चढ़ाकर जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की, हालांकि, उनकी मृत्यु हो गई.
2024 के अमेरिकी चुनावों में, डोनाल्ड ट्रंप ने शानदार जीत हासिल करने के बाद अब राष्ट्रपति के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार हैं. यह जीत ट्रंप के लिए एक महत्वपूर्ण वापसी है, जो 2020 में राष्ट्रपति जो बाइडेन से चुनाव हार गए थे. कोनिया गांव की अंबा लक्ष्मी ने कहा कि मैं बुसा कृष्णा को अपना भाई मानती थी. वह देश में ट्रंप की प्रतिमा लगवाने वाले पहले व्यक्ति थे. वहीं, जिस गली में वो रहते थे उस गली को ट्रंप गली कहा जाता है. जब ट्रंप को कोविड हुआ, तो वह बहुत रोए और उनके लिए प्रार्थना की, लेकिन उनकी मृत्यु हो गई. अब जब ट्रंप जीत गए हैं तो उनकी आत्मा को शांति मिलेगी. (ANI)
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