हाल ही में संपन्न हुए एमपी के विधानसभा चुनाव में सपा बसपा ने बढ़ चढ़ कर हिस्सेदारी की थी. यह बात दीगर है कि पिछले चुनावों में दो चार सीटें हासिल करते रहे इन दोनों दलों का इस बार खाता भी नहीं खुल पाया. इसके बावजूद सपा ने अगले साल अप्रैल मई में संभावित लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए एमपी में अपना संगठन विस्तार करना प्रारंभ कर दिया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गत विधानसभा चुनाव के प्रचार में यूपी एमपी के सीमावर्ती इलाकों में प्रचार के दौरान जनता के सकारात्मक रुख को देखते हुए एमपी की कुछ सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इस मकसद से ही एमपी में अब पार्टी का विस्तार किया जा रहा है. इस काम में उन्होंने सीमावर्ती इलाकों के प्रमुख सपा नेताओं को एमपी में भी अपनी सक्रियता बढ़ाने को कहा है. एमपी की 6 लोकसभा सीटों (रीवा, सतना, टीकमगढ़, खजुराहो, भिंड और मुरैना) पर सपा अपने उम्मीदवार खड़े करेगी.
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में सपा ने इन्हीं दोनों क्षेत्रों की अधिकांश सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. पिछले चुनावों में भी सपा को इन्हीं दोनों क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार जिताने का मौका मिला है. विंध्य बुंदेलखंड इलाका पिछड़ी जातियों, खासकर यादव, कुर्मी और लोधी बहुल माना जाता है.
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वहीं बसपा, विंध्य बुंदेलखंड के अलावा दलित आदिवासी समुदायों की बहुलता वाले चंबल और नर्मदा के तटीय इलाकों में भी अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारती है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने पिछले दो दशक से एमपी के अलावा उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और बिहार सहित अन्य राज्यों में संगठन का विस्तार कर इन राज्यों में विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं. इस वजह से ही बसपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सका था. इसी तर्ज पर अखिलेश ने भी एमपी में नए सिरे से सपा का संगठन विस्तार करना शुरू किया है. सपा को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाना इस कवायद का स्पष्ट मकसद है.
एमपी में सपा के संगठन को विस्तार देने का सिलसिला यूपी से लगे विंध्य और बुंदेलखंड से शुरू किया गया है. पार्टी के प्रवक्ता यश भारतीय ने बताया कि सपा ने विंध्य बुंदेलखंड क्षेत्र का संयुक्त कार्यालय खजुराहो में खोलने का फैसला किया है. खजुराहो की भौगोलिक स्थिति विंध्य और बुंदेलखंड के मध्य में है. इस वजह से यहां से दोनों क्षेत्रों में सपा के संगठन विस्तार का काम आसानी से किया जा सकेगा.
उन्होंने बताया कि पार्टी का कार्यालय बनाने के लिए खजुराहो में जमीन 6500 वर्ग फुट जमीन भी खरीद ली गई है. जल्द ही इस पर कार्यालय बनकर तैयार हो जाएगा. इसके संचालन हेतु पदाधिकारियों को भी तैनात किया जाएगा. इस क्षेत्र से लगे यूपी के जिलों के वरिष्ठ सपा नेताओं को विंध्य बुंदेलखंड का अतिरिक्त प्रभार सौंपते हुए खजुराहो कार्यालय से संबद्ध किया जाएगा.
हाल ही में संपन्न हुए एमपी विधानसभा चुनाव में सपा ने 71 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे. इनमें 60 पुरुष और 11 महिलाएं शामिल थीं. वहीं बसपा ने 160 पुरुष और 21 महिलाओं टिकट देकर 181 सीटों पर दावेदारी पेश की थी. इनमें से मुरैना जिले की दिमनी सीट पर बसपा के उम्मीदवार बलवीर दंडोतिया ने केंद्रीय कृषि मंत्री और भाजपा उम्मीदवार नरेंद्र सिंह तोमर को कड़ी टक्कर दी. यह बात दीगर है कि इस चुनाव में सपा बसपा को एक भी सीट नहीं मिली. लेकिन बसपा ने 3.40 प्रतिशत और सपा ने 0.46 प्रतिशत वोट जरूर हासिल किए.
पिछले चुनावों की अगर बात की जाए तो 2003 के चुनाव से सपा बसपा के हर चुनाव में कम से कम एक दो प्रत्याशी जीतते रहे हैं. सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने एमपी में सपा के विस्तार को प्रमुखता दी थी. इसी का नतीजा था कि एमपी में सपा के 7 विधायक तक जीत चुके हैं. एमपी में इसी प्रकार का चुनावी अतीत बसपा का भी रहा है.
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