![एसकेएम ने पीएम को लिखा पत्र. (सांकेतिक फोटो) एसकेएम ने पीएम को लिखा पत्र. (सांकेतिक फोटो)](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/ktak/images/story/202402/65cb5a54ceef1-kisan-andolan-130227426-16x9.jpg?size=948:533)
पंजाब के शंभू बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष जारी है. इसी बीच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. पत्र में संयुक्त किसान मोर्चा ने पीएम मोदी से किसानों की समस्या को हल करने का आग्रह किया है. उसने कहा है कि हम बहुत ही उम्मीद के साथ आपको किसानों और श्रमिकों के 21 सूत्रीय मांग पत्र के समर्थन में पत्र लिख रहे हैं. हमें आशा है कि आपकी सरकार किसानों की समस्याओं को समझेगी. क्योंकि उन समस्याओं को हल करने के लिए, आपने 9 दिसंबर, 2021 को एसकेएम से वादा भी किया था.
पत्र में आगे कहा गया है कि हम खरीद की कानूनी गारंटी के साथ C2+50% के स्वामीनाथन फार्मूले पर सभी फसलों के लिए एमएसपी की मांग करते हैं. साथ ही इनपुट लागत में कमी के साथ ऋण माफी, नए बिजली बिल के अनुसार बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं और स्मार्ट मीटर नहीं लगाए जाने की मांग करते हैं. एसकेएम ने पत्र में खेती, घरेलू उपयोग और दुकानों के लिए फ्री में 300 यूनिट बिजली देने की मांग की है. साथ ही फसल बीमा, मुख्य आरोपी अजय मिश्रा टेनी को जेल भेजने सहित लखीमपुर नरसंहार के दोषियों को सजा देने की मांग की गई है.
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एसकेएम ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि आपके मंत्री हमसे बात करने में झिझक रहे हैं, जबकि किसानों को परेशान करने वाली समस्याओं को हल करने की आपकी संवैधानिक जिम्मेदारी है. साथ ही कहा गया है कि आपकी सरकार और भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा और यूपी सरकार ने किसानों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर दमनकारी उपायों का सहारा लिया है. लाठीचार्ज, रबर बुलेट और आंसू गैस के गोले दागे हैं, जिससे कई लोग घायल हो गए हैं और आम किसानों में आतंक का माहौल पैदा हो गया है.
एसकेएम ने कहा कि हम आज पंजाब सीमा पर किसानों पर किए गए दमन का कड़ा विरोध करते हैं. साथ ही स्पष्ट करना चाहते हैं कि भारत में किसान आंदोलन एकजुट और एकचित्त है. उसने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री के रूप में हम आपसे केंद्रीय बजट और विभागीय कार्रवाइयों द्वारा सक्रिय रूप से समर्थित कृषि में कॉर्पोरेट हस्तक्षेप के गंभीर हमले के सामने किसानों की दुर्दशा पर सहानुभूति रखने का आग्रह करते हैं. हम आपसे आग्रह करते हैं कि एसकेएम द्वारा उठाई गई मांगों को तुरंत संबोधित करें. साथ ही देश के किसानों की मांगों को हल करने के लिए चर्चा शुरू करें.
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