केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रतिदिन पौधरोपण करते हैं. उनके संकल्प को आज 4 साल पूरे हो गए हैं. शिवरज सिंह चौहान पौधरोपण के 4 साल पूरे होने पर मध्य प्रदेश के छतरपुर में जटाशंकर में जल सखियों के साथ कल गुरुवार को पौधरोपण करेंगे. जल सखियां ग्रामीण क्षेत्रों में पानी बचाने की जागरूकता और ग्राम पंचायत क्षेत्रों में पोखर, तालाब, पानी की टंकियों की देखरेख और सप्लाई का काम करती हैं.
शिवराज सिंह चौहान ने 19 फरवरी 2021 को अमरकंटक में मां नर्मदा के तट पर हर दिन पौधा लगाने का संकल्प लिया था और अमरकंटक में पत्नी साधना सिंह चौहान के साथ पहला पौधा रौपा था. शिवराज सिंह चौहान देश के 20 से अधिक राज्यों में अब तक लगभग 4 हजार 500 से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं.
उनके प्रतिदिन पौधारोपण संकल्प में देश की राष्ट्रपति सहित विभिन्न देशों के राजदूत, मुख्यमंत्री, जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरणविद्, कलाकार सहित अनेक गणमान्यजन शामिल हो चुके हैं. केंद्रीय मंत्री ने अपने एक्स हैंडल पर पौधारोपण के चार साल पूरे होने के अवसर पर कविता शेयर की है. साथ ही वीडियो शेयर करते हुए लोगों से पौधा लगाने की अपील की है.
प्रतिदिन पौधरोपण के संकल्प को आज 4 वर्ष पूरे हो गए। 19 फरवरी 2021 को मैंने हर रोज एक पेड़ लगाने का संकल्प लिया था।
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) February 19, 2025
पेड़ लगाना, यानी पर्यावरण बचाना
पेड़ लगाना, यानी धरती को बचाना
पेड़ लगाना, यानी पानी बचाना
पेड़ लगाना, यानी जीवन बचाना
और यह संकल्प लगातार अब जन आंदोलन बनता जा… pic.twitter.com/JdUzAxoPQl
एक रोपा गया पौधा
विशाल वृक्ष बन जाता है.
जीवन देता है, जीना सिखाता है.
वृक्ष गुरु है, सखा है, पालनकर्ता है.
प्रतिदिन पौधारोपण के संकल्प को चार साल पूरे हुए,
यही प्रार्थना है कि ये कार्य जीवनपर्यंत सिद्ध होता रहे,
हाथ से हाथ मिलते रहें,
लोग जुड़ते रहें…
14 फरवरी को शिवराज सिंह चौहान ने बेटे कुणाल के विवाह के अवसर पर नवदंपती कुणाल और रिद्धि को आठवां वचन दिलाते हुए पर्यावरण की रक्षा का वचन दिलाया और हर साल विवाह वर्षगांठ पर पौधारोपण करने का प्रण दिलाया. विवाह की रस्में पूरी होने के बाद नवदंपती ने भोजन करने से पहले पौधारोपण किया. शिवराज सिंह ने इसमें दोनों की मदद की.
शिवराज सिंह चौहान ने अपने बेटे-बहू को आठवां वचन दिलाते हुए कहा, ‘पर्यावरण ठीक रखने के लिए, तुम दोनों अपनी विवाह की वर्षगांठ पर जरूर पेड़ लगाना. हम पर्यावरण बचाने और दुनिया को कष्ट न हो उसके लिए भी जीवन भर काम करते रहें. अपना जीवन सिर्फ होने लिए न रहे, लोगों और समाज के लिए रहे. परोपकार का काम करते रहें.’
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