मालदीव को चावल, चीनी और प्याज सहित इन खाद्य पदार्थों का निर्यात करेगा भारत, केंद्र सरकार ने दी अनुमति

मालदीव को चावल, चीनी और प्याज सहित इन खाद्य पदार्थों का निर्यात करेगा भारत, केंद्र सरकार ने दी अनुमति

भारत सरकार ने मालदीव को 42,75,36,904 अंडे निर्यात करने की अनुमति दी है. वहीं, सरकार ने आलू निर्यात के लिए 21,513.08 टन मानक तय कर दिया है. यानी इससे अधिक मालदीव का आलू निर्यात नहीं किया जाएगा.

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मालदीव को चावल, चीनी और प्याज सहित इन खाद्य पदार्थों का निर्यात करेगा भारत, केंद्र सरकार ने दी अनुमतिप्याज का निर्यात करेगा भारत. (सांकेतिक फोटो)

भारत सरकार ने शुक्रवार को मालदीव को खाद्य पदार्थों के निर्यात की अनुमति दे दी. अब मालदीव को अंडा, आलू, प्याज, चावल, गेहूं का आटा- मैदा, चीनी और दालों का एक्सपोर्ट किया जाएगा. इसके अलावा बिल्डिंग मटेरियल के लिए स्टोन एग्रीगेट और नदी की रेत का भी निर्यात होगा. खास बात यह है कि खाद्य पदार्थों के साथ  बिल्डिंग मटेरियल के निर्यात के लिए सीमा भी निर्धारित की गई है. कहा जा रहा है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सिर्फ निर्यात की अनुमति दी गई है. 

बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने मालदीव को 42,75,36,904 अंडे निर्यात करने की अनुमति दी है. वहीं, सरकार ने आलू निर्यात के लिए 21,513.08 टन मानक तय कर दिया है. यानी इससे अधिक मालदीव का आलू निर्यात नहीं किया जाएगा. इसी तरह प्याज निर्यात के लिए  35,749.13 टन, चावल निर्यात के लिए 1,24,218.36 टन, गेहूं के आटे का निर्यात के लिए 109,162.96 टन, चीनी निर्यात के लिए 64,494.33 टन और दाल निर्यात के लिए 224.48 टन सीमा तय की गई है. 

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10 लाख टन स्टोन एग्रीगेट का होगा निर्यात

इसी तरह सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में 10 लाख टन स्टोन एग्रीगेट और रेत निर्यात करने की अनुमति दी है. वाणिज्य मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा है कि मालदीव गणराज्य को सूचीबद्ध वस्तुओं के निर्यात को 2024-25 के दौरान किसी भी मौजूदा या भविष्य के प्रतिबंध/निषेध से छूट दी जाएगी. रिवर सैंड और स्टोन एग्रीगेट के निर्यात के लिए, CAPEXIL यह सुनिश्चित करेगा कि आपूर्तिकर्ताओं और निकालने वालों ने उचित मंजूरी प्राप्त कर ली है और तटीय विनियमन क्षेत्र क्षेत्र में रेत का खनन नहीं किया है, जो तटीय विनियमन क्षेत्र अधिसूचना के तहत निषिद्ध है.

इस स्थिति में दी जाएगी अनुमति

इसके अलावा, मंत्रालय ने यह भी कहा कि नदी की रेत और पत्थर के निर्यात की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते कि निर्यातक संबंधित राज्य सरकारों के नामित नोडल प्राधिकारी से आवश्यक पर्यावरणीय मंजूरी/अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर ले, जहां से नदी की रेत प्राप्त की जाती है. इसमें कहा गया है कि यह अनुमति 'रिवर सैंड' और 'स्टोन एग्रीगेट' के खनन से संबंधित किसी भी राज्य कानून/न्यायिक आदेशों के अधीन होगी.

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मालदीव के साथ भारत का सैन्य रिश्ता

इस बीच, चीनी प्रभाव के कारण, मालदीव ने भारत से इस महीने के भीतर अपने दूसरे विमानन मंच पर तैनात अपने सैन्य सैनिकों को वापस लेने के लिए कहा है. कुल मिलाकर पूर्ण वापसी की समय सीमा 15 मई तय की गई है. सैन्य कर्मियों का पहला बैच पहले ही वापस आ चुका है. मालदीव के रणनीतिक समुद्री महत्व को देखते हुए भारत बातचीत की कोशिश कर रहा है. वर्तमान में भारत ने चावल, गेहूं का आटा, प्याज, दालें और चीनी को किसी भी देश में परमिट के माध्यम से निर्यात करने पर या तो प्रतिबंध लगा दिया है या अनुमति दे दी है.

 

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