राजस्थान में विधानसभा के चुनाव पूरे हो चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 115 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत लिया है. इन चुनावों में बीजेपी ने हिंदुत्व के मुद्दे को जोर शोर से उठाया. साथ ही गहलोत सरकार की नाकामियों को भी जनता तक अच्छी तरह पहुंचाया. अपनी इसी रणनीति के तहत बीजेपी 115 सीटों तक पहुंचने में कामयाब हो पाई, लेकिन इस एक्सप्लेनर में हम बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से की गई घोषणाओं का विश्लेषण करेंगे जो उन्होंने किसानों के लिए की.
राजस्थान में बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में गेहूं की खरीद पर 500 रुपये बोनस देने की घोषणा की है. साथ के साथ बाजार मक्का सहित कई अन्य खरीफ फसलों की भी एमएसपी पर खरीद की उचित व्यवस्था करने की बात कही थी. हालांकि अपने चुनाव प्रचार में इन घोषणाओं के बारे में ज्यादा बात बीजेपी के नेताओं ने नहीं की, लेकिन बीजेपी के स्ट्रांग कम्युनिकेशन नेटवर्क की बदौलत यह बात शायद किसानों तक पहुंची है. इसीलिए कई सारे किसान और उनके लाखों से बीजेपी के विधायक बड़े अंतर से जीत कर आए हैं.
वहीं, अगर कांग्रेस की घोषणाओं की बात की जाए तो उन्होंने अपने घोषणा पत्र में किसानों के लिए सबसे बड़ी बात MSP पर खरीद का गारंटी कानून बनाने की कही थी. किसान आंदोलन के बाद इस कानून की मांग बहुत सारे किस संगठन लंबे अरसे से करते आ रहे हैं. इसके साथ ही कांग्रेस ने ईआरसीपी के काम को पूरा करने की घोषणा भी की थी लेकिन चुनाव प्रचार में अपनी इस घोषणा को ठीक से कांग्रेस के नेता पहुंचा नहीं पाए. यहां तक कि टिकट बंटने के कुछ समय बाद ही कांग्रेस ने ईआरसीपी वाले जिलों में पदयात्रा निकालने की घोषणा की थी, लेकिन यह यात्रा अपनी शुरुआत से ही दम तोड़ती नजर आई.
अपने चुनाव प्रचार में भी ज्यादातर नेताओं ने ईआरसीपी को लेकर कोई बात नहीं रखी. उधर को बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में केंद्र के सहयोग से आरसीपी के काम को पूरा करने का वादा किया है. लेकिन जैसा कि हम जानते हैं राजस्थान सहित पूरे उत्तर भारत में किसान एक कौम के तौर पर वोट नहीं करता, वह जातियों में बांटकर अपनी जाति के नेता को वोट करता है. इसीलिए इन चुनाव में किसानों के कई सारी मुद्दे वोटिंग आते-आते हवा नजर आए. या यूं कहिए कि किसी नेता ने अपने चुनाव प्रचार में उन मुद्दों को उस तरह से नहीं उठाया जैसा कि उसने दूसरे मुद्दों को उठाया इसीलिए राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में किसानों के हाथ एक बार फिर से निराशा ही लगी है. अब देखना यह होगा की क्या बीजेपी अपने घोषणा पत्र के किए गए नौ वादों को पूरा करेगी जिसमें गेहूं खरीद पर बोनस, ईआरसीपी सहित खरीफ फसलों की एमएसपी पर खरीद करने का वादा भी है.
भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में राजस्थान की किसानों को 12000 रुपये किसान सम्मान निधि देने की घोषणा की है. हालांकि इस घोषणा में यह स्पष्ट नहीं है कि राज्य सरकार अपनी तरफ से 12000 रुपये देगी या फिर केंद्र की तरफ से मिलने वाले 6000 रुपये में ही और 6000 रुपये मिलकर किसानों को दिया जाएगा. इसके इतर कांग्रेस ने ऐसी कोई घोषणा किसानों के लिए नहीं की. इससे यह स्पष्ट होता है कि मतदाता को नकद तौर पर मिलने वाली घोषणाएं ज्यादा प्रभावित की हैं.
इसे एक और उदाहरण से भी समझ सकते हैं कि राजस्थान में गहलोत सरकार ने पेंशन बढ़ाने सहित महिलाओं को मोबाइल, अन्नपूर्णा किट देने जैसी कई घोषणा की थी और कई चुनाव से पहले इसका लाभ मिलना शुरू भी हुआ था. लेकिन इस पर मध्य प्रदेश की लाडली बहना योजना ज्यादा भारी पड़ी. मध्य प्रदेश में महिलाओं को नकद राशि उनके खातों में दी जा रही है. इससे स्पष्ट है कि मतदाताओं को खासकर महिलाओं को और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को मिलने वाली सहायता में अगर नकदी चीज ज्यादा होगी तो वह उन्हें प्रभावित करती है.
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