Rajasthan Election 2023: अलवर जिले की 11 विधानसभा सीटों में 6 पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर, पढ़ें अन्य सीटों का हाल

Rajasthan Election 2023: अलवर जिले की 11 विधानसभा सीटों में 6 पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर, पढ़ें अन्य सीटों का हाल

यहां से भाजपा ने संजय शर्मा को टिकट दिया है तो कांग्रेस ने अजय अग्रवाल को चुनावी मैदान में उतारा है. कांग्रेस इस सीट से तीन बार चुनाव हार चुकी है. अलवर सीट को वैश्य समाज की परंपरागत सीट मानी जाती है. इसलिए कांग्रेस ने वैश्य समाज के उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा है.

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Rajasthan Election 2023: अलवर जिले की 11 विधानसभा सीटों में 6 पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर, पढ़ें अन्य सीटों का हालराजस्थान विधानसभा चुनाव

चुनावी घमासान के बीच अलवर जिले की 11 विधानसभा सीटों पर रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां कि 11 में से 6 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस व बीजेपी में आमने-सामने की टक्कर है, तो वही 5 सीटों पर तीसरे दल और निर्दलीय उम्मीदवारों मे मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है.इस सभी सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है. दोनों ही पार्टी के वरिष्ठ नेता यहां पर वोटरों को लुभाने में लगे हैं. जिले में बानसूर, राजगढ़, रामगढ़, किशनगढ़बास, बहरोड़ और थानागाजी में त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है. जबकि तिजारा, मुंडावर, अलवर शहर, अलवर ग्रामीण व कठूमर में भाजपा कांग्रेस के बीच आमने-सामने की टक्कर देखने को मिल रही है. अलवर शहर में भाजपा व कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है.

यहां से भाजपा ने संजय शर्मा को टिकट दिया है तो कांग्रेस ने अजय अग्रवाल को चुनावी मैदान में उतारा है. कांग्रेस इस सीट से तीन बार चुनाव हार चुकी है. अलवर सीट को वैश्य समाज की परंपरागत सीट मानी जाती है. इसलिए कांग्रेस ने वैश्य समाज के उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा है. अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट पर भी भाजपा व कांग्रेस के बीच आमने-सामने की टक्कर है. कैबिनेट मंत्री टीकाराम जूली व पूर्व विधायक जयराम जाटव चुनाव लड़ रहे हैं. यहां भाजपा प्रत्याशी जयराम जाटव की बेटी भी निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव मैदान में है. ऐसे में इस सीट पर बाप बेटी के बीच भी मुकाबला देखने को मिल रहा है.

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मुंडावर सीट पर बीजेपी कांग्रेस आमने-सामने

मुंडावर विधानसभा सीट पर कांग्रेस पर भाजपा के बीच आमने-सामने की टक्कर है. भाजपा ने यहां से मंजीत चौधरी को टिकट दिया है. मंजीत चौधरी पूर्व विधायक धर्मपाल चौधरी के बेटे हैं. तो कांग्रेस ने एआईसीसी के पूर्व सचिव ललित यादव को चुनाव मैदान में उतारा है. ललित यादव 5 साल से क्षेत्र में लोगों के बीच जुटे हुए थे. तिजारा विधानसभा सीट पर बाबा बालक नाथ भारी पड़ते नजर आ रहे हैं. हालांकि बालक नाथ को कुछ जगह पर विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है. कठूमर में कांग्रेस ने संजना जाटव और बीजेपी ने रमेश खींची को चुनावी मैदान में उतारा है. दोनों के बीच आमने-सामने की टक्कर देखने को मिल रही है.

इन सीटों पर है त्रिकोणीय मुकाबला

बहरोड में त्रिकोणीय मुकाबला हो गया है. भाजपा ने पूर्व मंत्री डॉ जसवंत यादव को चुनाव मैदान में उतारा है. तो कांग्रेस ने संजय यादव को टिकट दिया है. बहरोड़ विधायक बलजीत यादव निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. 2018 की विधानसभा चुनाव में भाजपा तीसरे नंबर पर रही थी. पूरे 5 साल भाजपा व बलजीत यादव के बीच टकराव का माहौल बना रहा. अलवर की किशनगढ़ बास विधानसभा सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां भाजपा ने पूर्व विधायक रामहेत यादव को चुनाव मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने यहां से दीपचंद खेरिया को टिकट दिया है. साथ ही एमपी से पूर्व गृहमंत्री की पुत्रवधू सिमरन कौर भी किशनगढ़ बास से चुनाव लड़ रही है. बानसूर विधानसभा में भी त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. कांग्रेस से मंत्री शकुंतला रावत चुनाव मैदान में है, वहीं भाजपा ने देवी सिंह शेखावत को चुनाव मैदान में उतारा है. साथ ही पूर्व मंत्री व भाजपा से निष्कासित डॉक्टर रोहिताश शर्मा भी आजाद समाज पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में बानसूर सीट पर रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा.

थानागाजी में हो रहा त्रिकोरणीय मुकाबला

अलवर की थानागाजी विधानसभा सीट में त्रिकोणीय मुकाबला है. बीजेपी से बागी रोहिदास घांगल चुनाव मैदान में है. यहां भाजपा ने पूर्व मंत्री हेमसिंह भड़ाना को मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस से वर्तमान विधायक कांति मीणा को टिकट दिया गया है. अलवर की राजगढ़ विधानसभा सीट पर भी रोचक मुकाबला देखने के लिए मिल रहा है. यहां भाजपा ने पूर्व डेयरी चेयरमैन बन्ना राम मीणा को टिकट दिया है. जबकि कांग्रेस ने मांगीलाल को चुनाव मैदान में उतरा है. दोनों प्रत्याशी अपने-अपनी पार्टी में नए उम्मीदवार हैं. साथ ही सुनीता मीणा और कांग्रेस से बागी हुई राहुल मीणा भी चुनाव मैदान में है. ऐसे में सब की निगाहें राजगढ़ सीट पर टिकी हुई है.

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रामगढ़ विधानसभा सीट पर मुकाबला रोचक

अलवर की रामगढ़ विधानसभा सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला है. वैसे तो रामगढ़ विधानसभा सीट पर जातिगत चुनाव रहता है. भाजपा ने यहां से ज्ञान देव आहूजा के भतीजे जय आहूजा को टिकट दिया है. जबकि कांग्रेस से विधायक सफिया खान का टिकट काटकर उनके पति जुबेर खान को चुनावी मैदान में उतारा है. आजाद समाज पार्टी से बीजेपी से बागी हुई सुखवंत सिंह को टिकट दिया गया है. इसलिए रामगढ़ विधानसभा सीट पर भी रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा. (अलवर से हिमांशू शर्मा की रिपोर्ट)

 

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