किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल1 दिसंबर से शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है और इस सत्र में बिजली संशोधन विधेयक-2025 और बीज विधेयक-2025 को लेकर बिल पेश किए जाएंगे, जिसे लेकर पंजाब के किसानों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. रिपोर्ट मुताबिक 8 दिसंबर को पंजाब के सभी जिला मुख्यालय का किसानों की ओर से घेराव किया जाएगा. वहीं, बिजली और बीज कानून को लेकर गैर राजनीतिक किसान मोर्चा के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और इन बिल्लो को लेकर विरोध भी किया है. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा.
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि सबसे बड़ी बात तो पहले यह समझने की जरूरत है कि यह बिल आ क्यों रहे हैं. सरकार शीतकालीन सेशन में बिजली एक्ट 2025 को एमेंडमेंट करने जा रही है और जो बीज की बात करी है यह WTO की पॉलिसी पर काम किया रहा है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगते हुए कहा कि ये देश के लोगों को हर तरह की दी जा रही सब्सिडी और जितने भी पब्लिक सेक्टर के आधारों को प्राइवेट हाथों में दिए जाए उसके लिए किया जा रहा है.दूसरी बड़ी बात ये कही कि जो बीज का प्रोसेस है, जैसे किसान खुद आप बीज पैदा करता था और दूसरे किसानों को दे पता था. उसको खत्म करके कंपनियों पर डिपेंड किया जाए इसी पर यह काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि WTO की भावना के ऊपर ये काम किया जा रहा है, जिसका हम लगातार विरोध करते आ रहे हैं.
जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा पिछले किसान आंदोलन में सरकार ने कमिटमेंट की थी कि हम स्टेट होल्डर के साथ बात किए बगैर हम ऐसा बिल नहीं लेकर आएंगे. लेकिन आज उन्हीं बिलों को सरकार दोबारा लेकर आ रही है. इसका मतलब सरकार अपने किए वायदों से मुकर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार एक बार नहीं लाखों बार अपने किए वादे से मुकर चुकी है. सरकार ने अपने देश के किसानों को कहा था कि वह एमएसपी गारंटी कानून देंगे और भी बहुत सारी बातें कही थी, लेकिन वह कुछ भी दे नहीं पाए हैं. उन्होंने कहा कि अब मजबूरन किसानों को आंदोलन के राह पर चलना पड़ेगा.
किसान नेता ने कहा जब भी किसानों के मुद्दे आते हैं तो गैर राजनीतिक और राजनीतिक दोनों ही किसान मोर्चा एकजुट हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में जब सेनेट का मामला उठा ओर हमारे देश की इतनी बड़ी संस्था पर कब्जा करने की बात आई, तो सभी राजनीतिक और गैर राजनीतिक एक जुट हुए. उन्होंने बताया कि प्रेस वार्ता के बाद इसे लेकर चर्चा होगी कि आंदोलन कैसे करेंगे और कैसे इसे लड़ा जाएगा.
डल्लेवाल ने कहा कि सरकार के आगे विपक्ष अब विपक्ष रहा नहीं है और विपक्ष भी सरकार की राह पर चल रहा है. उन्होंने कहा कि विपक्ष तो कुछ करता नहीं है, अगर कुछ करता होता तो क्या वह लोगों के लिए प्रदर्शन नहीं कर सकता था. उन्होंने विपक्ष पर सवाल उठाते कहा कि क्या वह संसद में यह बातें स्ट्रांग्ली नहीं रख सकता. उन्होंने कहा कि विपक्ष तो अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहा है और देख रहा है कि सरकार जब लोगों को तकलीफ देगी और लोग दुखी होंगे तो लोग हमारे पास आएंगे और हमारी बारी जल्दी आएगी और इसी राजनीति पर वह काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि लोगों के हक पर कोई डाका मारने की बात करेगा तो आंदोलन जरूर होगा. वहीं, दूसरी ओर चंडीगढ़ जो पंजाब का है उसको छीन कर केंद्र अपने कब्जे में लेना चाह रहा है. उसके ऊपर भी ऐसा कुछ तथ्य उठेंगे तो उसके ऊपर भी आंदोलन होगा. उन्होंने कहा कि बहुत सारी बातें ऐसी है जिसके ऊपर आंदोलन करना पड़ेगा और लोग पीछे नहीं हटेंगे. (दविंदर कुमार की रिपोर्ट)
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