पंजाब में पराली जलाने के अब तक 90 मामले सामने आ चुके हैं. रविवार को प्रदेश में पराली जलाने के 8 नये मामले सामने आए. सबसे अधिक 51 मामले अमृतसर में दर्ज किए गए. इसी के चलते अब पंजाब सरकार पराली जलाने के दुष्प्रभावों और फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनरी के फायदों को उजागर करने के लिए व्यापक अभियान चलाएगी. इस अभियान में 'नुक्कड़ नाटक', सूचनात्मक दीवार पेंटिंग और अन्य गतिविधियां शामिल होंगी.
इस बारे में राज्य के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियान ने कहा कि राज्य सरकार ने पराली जलाने की गंभीर चिंता को दूर करने और फसल अवशेष प्रबंधन के लिए एक व्यापक और महत्वाकांक्षी सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) योजना का अनावरण किया है. खुदियान ने कहा कि इस व्यापक अभियान का उद्देश्य समुदायों, छात्रों और किसानों को पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं की ओर व्यवहारिक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना है, जिससे टिकाऊ कृषि को बढ़ावा मिले. बहुआयामी सूचना एवं संचार तकनीक (आईईसी) रणनीति में अधिकतम पहुंच और प्रभाव के लिए डिज़ाइन की गई गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है.
सूचना के प्रभावी प्रसार के लिए, विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में सूचनात्मक संदेश प्रसारित करने के लिए 50 समर्पित प्रचार वैन तैनात करेगा. उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त, सांस्कृतिक रूप से प्रभावशाली तरीके से संदेश प्रसारित करने के लिए 444 'नुक्कड़ नाटक' आयोजित किए जाएंगे. इसके अलावा, राज्य भर में 12,500 सूचनात्मक दीवार पेंटिंग बनाई जाएंगी, जिनमें सीआरएम के लाभों और धान की पराली जलाने के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला जाएगा.
खुदियान ने बताया कि किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) पर जानकारी, विशेषज्ञ सलाह और सरकारी योजनाओं तक सीधी पहुंच प्रदान करने और उन्हें स्थायी तरीके अपनाने के लिए सशक्त बनाने हेतु 3,333 ग्राम-स्तरीय और 296 ब्लॉक-स्तरीय शिविर आयोजित किए जाएंगे. इसके अलावा, 148 आशा कार्यकर्ताओं को गांवों में घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाने और परिवारों तक संदेश पहुंचाने के लिए तैनात किया जाएगा. इसके अलावा, स्कूली छात्रों को निबंध लेखन, चित्रकला और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के माध्यम से शामिल किया जाएगा ताकि छोटी उम्र से ही पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा की जा सके.
खुदियान ने कहा कि हमारी मिट्टी और हमारे लोगों का स्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. इस वर्ष, हम केवल मशीनरी उपलब्ध कराने पर ही ध्यान केंद्रित नहीं कर रहे हैं, बल्कि अपने कृषक समुदाय का दिल और दिमाग जीतने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. यह विशाल आउटरीच कार्यक्रम पराली जलाने के विरुद्ध एक जन आंदोलन है. हम सीधे ज़मीनी स्तर पर - गांवों, स्कूलों और घरों तक - जाकर अपने किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन में अग्रणी बनने के लिए शिक्षित, सशक्त और प्रोत्साहित कर रहे हैं. हमारा लक्ष्य हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, हरित और स्वस्थ पंजाब सुनिश्चित करना है. उन्होंने आगे कहा कि यह अभियान वायु प्रदूषण की चुनौती से निपटने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. (सोर्स- PTI)
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