पंजाब के गांवों में लोकसभा चुनाव का प्रचार करने जा रहे भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवारों को किसानों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए प्रत्याशियों को यहां पर चुनाव प्रचार करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण इलाकों में विरोध ज्यादा हो रहा है. जहां एक ओर बीजेपी ने पंजाब के 13 लोकसभा सीटों में से नौ सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है, वहीं दूसरी तरफ अलग-अलग किसान यूनियनों ने एलान किया है कि वे बीजेपी उम्मीदवारों को अपने राज्य में नहीं घुसने देंगे. बता दें कि पंजाब की सभी लोकसभा सीटों के लिए सातवें और आखिरी चरण में एक जून को वोट डाले जाएंगे.
अगर पिछले 15 दिनों के दौरान किसानों के विरोध की बात करें तो बीजेपी उम्मीदवारों को अलग-अलग किसानों के समूहों से 40 बार विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा है. विरोध के दौरान किसानों ने ना केवल पार्टी विरोधी नारे लगाए, बल्कि काले झंडे भी दिखाए और कई मौकों पर पार्टी के प्रत्याशियों के साथ धक्का-मुक्की भी की. उन्हें सभा और प्रचार करने से रोक दिया. विरोध कर रहे किसानों के एक प्रमुख संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने आह्ववान किया है कि वो बीजेपी उम्मीदवारों को ग्रामाीण क्षेत्रों में प्रचार करने की अनुमति नहीं देंगे. 'हिंदुस्तान टाइम्स' की एक रिपोर्ट के अनुसार पंजाब पुलिस की खुफिया शाखा के आंकड़ों से पता चलता है कि सबसे ज्यादा 15 विरोध प्रदर्शन फरीदकोट लोकसभा क्षेत्र में हुए हैं, जहां से बीजेपी ने हंस राज हंस को मैदान में उतारा है.
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हंसराज हंस ने चार अप्रैल से चुनाव प्रचार अभियान शुरू किया था उसके बाद से ही लागातर लगभग हर रोज उन्हें किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. 24 अप्रैल को जब वे चुनाव प्रचार करने के लिए अरैनवाला गांव पहुंचे थे उस समय काफी तनाव पैदा हो गया था क्योंकि किसानों ने बीजेपी उम्मीदवार को रैली स्थल तक जाने से रोक दिया था. इसके बाद मामले को शांत करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा था. इस दौरान 25 से अधिक प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया था. इसी तरह से अमृतसर में किसानों के विरोध के कारण 10 चुनावी सभाओं को स्थगित करना पड़ा है. यहां से बीजेपी ने पूर्व नौकरशाह तरनजीत सिंह संधू को मैदान में उतारा है.
बीजेपी उम्मीदवार और पटियाला से विधायक परनीत कौर को भी पटराना गांव में किसानों के विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ा है. पटियाला में भी बीजेपी को परेशानी होने का अनुमान है क्योंकि यहां शंभू में लगातार किसान विरोध कर रहे हैं. इधर बठिंडा में, जहां पूर्व आईएएस अधिकारी परमपाल कौर को बीजेपी ने टिकट दिया है, उन्हें भी एक सप्ताह में छह बार से अधिक विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा है. किसानों के विरोध को देखते हुए बीजेपी उम्मीदवारों को स्थानीय पुलिस की तरफ से सुरक्षा दी जा रही है जबकि केंद्र की तरफ से सभी बीजेपी उम्मीदवारों को वाई कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है.
वहीं अपने खिलाफ हो रहे विरोध पर बीजपी का कहना है कि यह पहले से तैयार विरोध प्रदर्शन है. पार्टी के उपाध्यक्ष ने कहा कि जब कोई विरोध होता है तो असली मुद्दों से ध्यान हट जाता है. बीजेपी प्रमुख सुनील जाखड़ ने कहा कि पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ किसान यूनियनों को गुमराह किया जा रहा है. बीजेपी उम्मीदवार हंसराज हंस ने कहा कि हमें करतारपुर कॉरिडोर खोलने और तीन कृषि कानूनों को खत्म करने सहित कई पंजाब समर्थक फैसलों के लिए मोदी का आभारी होना चाहिए. विरोध सिर्फ इसलिए नहीं होना चाहिए क्योंकि हम बीजेपी से हैं.
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दिलचस्प बात यह है कि आप को भी इसी तरह के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस नेता राजनीतिक लाभ उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. बठिंडा में बीकेयू (एकता उग्राहन) के नेता जसवीर सिंह ने कहा कि हमारी ओर से यह बीजेपी के लिए जैसे को तैसा है. उन्होंने किसानों को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया और अब हम उन्हें अपने गांव में प्रवेश नहीं करने देंगे.
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