लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के करोड़ों मनरेगा मजदूरों को तोहफा दिया है. केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत काम करने वाले मजदूरों को बड़ा तोहफा देते हुए इनकी मजदूरी में 3 से 10 फीसदी तक का इजाफा किया है. अब मनरेगा मजदूरों को अपनी मजदूरी के बदले पहले से अधिक पैसा मिलेगा. इस संबंध में गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. मनरेगा मजदूरों के लिए लागू की गई यह बढ़ोतरी एक अप्रैल से लागू होगी.
केंद्र ने चुनाव से पहले अगले वित्त वर्ष के लिए मनरेगा मजदूरी दरों में 3-10 परसेंट की बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी की है. इसके साथ ही मनरेगा मजदूरों का पैसा बढ़ जाएगा. सरकार ने लोकसभा चुनाव के ठीक बीच यह फैसला लिया है.इस कड़ी में सबसे अधिक मजदूरी गोवा में बढ़ाई गई है. गोवा में प्रति दिन 34 रुपये की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है. यूपी, उत्तराखंड में सबसे कम 7 रुपये की बढ़ोतरी देखी गई है. गोवा में मौजूदा मजदूरी (NREGS) दर पर 10.56 परसेंट की अधिकतम बढ़ोतरी देखी गई है.
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उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सबसे कम 3.04 परसेंट की वृद्धि दर्ज की गई है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड, जो समान नरेगा मजदूरी दर देते हैं, ने मौजूदा 230 रुपये से 237 रुपये प्रति दिन तक केवल 3.04 परसेंट की सबसे कम वृद्धि दर्ज की है.पश्चिम बंगाल में मनरेगा मजदूरी में 5.5 परसेंट की वृद्धि देखी गई है जो मौजूदा 237 से बढ़कर 250 रुपये प्रति दिन हो गई है. एनआरईजीएस (NREGS) मजदूरी की उच्चतम दर (374 रुपये प्रति दिन) हरियाणा के लिए तय की गई है.
सबसे कम (234 रुपये प्रतिदिन) अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के लिए तय किया गया है. वास्तव में, तीन अन्य राज्यों - कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना - में भी NREGS मजदूरी में 10 परसेंट से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई है.मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, जो एनआरईजीएस (NREGS) के तहत समान मजदूरी दर देते हैं, में लगभग 10 परसेंट की वृद्धि देखी गई है. मौजूदा 221 रुपये से बढ़कर 243 रुपये प्रति दिन कर दिया गया है.
एक अधिसूचना के अनुसार, इस योजना के तहत अकुशल श्रमिकों के लिए हरियाणा में प्रतिदिन 374 रुपये की उच्चतम मजदूरी दर है, जबकि अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में सबसे कम 234 रुपये है. सिक्किम की तीन पंचायतों- ग्नथांग, लाचुंग और लाचेन में मजदूरी दर 374 रुपये प्रतिदिन है.योजना के तहत वेतन संशोधन को चुनाव आयोग से मंजूरी के बाद 27 मार्च को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया था क्योंकि लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू है. योजना के तहत 2023 मजदूरी दरों में वृद्धि की गई है, जिसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना है, प्रत्येक परिवार को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार देना, जिनके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक काम करना चाहते हैं.
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जदूरी दर 250 रुपये (13 रुपये की वृद्धि), तमिलनाडु में 319 रुपये (25 रुपये की वृद्धि), तेलंगाना में 300 रुपये (28 रुपये की वृद्धि) और बिहार में 228 रुपये ( 17 रुपये की बढ़ोतरी) मजदूरी की गई है. हालांकि मजदूरी दर के मामले में हरियाणा शीर्ष पर है, लेकिन वृद्धि केवल चार प्रतिशत के आसपास है. कुल मिलाकर, बढ़ोतरी चार से 10 प्रतिशत के बीच है. अधिसूचना में दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक और तेलंगाना में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
(ऐश्वर्या पालीवाल की रिपोर्ट)
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