किसानों का विरोध प्रदर्शन इस बार के लोकसभा चुनावों में सबसे बड़ा मुद्दा बनकर सामने आ रहा है. किसानों के इस विरोध पर कई प्रकार की सियासी बयानबाजी भी हो रही है. किसानों के ताजा विरोध प्रदर्शन पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसे 'राजनीति से प्रेरित' बताया है. उन्होंने कहा कि इस बार का किसान आंदोलन 2020 में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किए गए किसानों के विरोध प्रदर्शन का दोहराव है. इस बार भी किसानों ने ट्रैक्टर पर सवार होकर दिल्ली चलो का आह्वान किया और दिल्ली की सीमाओं पर जमा हुए. इस बार किसान एमएसपी गारंटी कानून, ऋण माफी समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
वर्तमान समय में चलाए जा रहे किसानों के आंदोलन का चुनावों के दौरान बीजेपी पर क्या असर होगा, इस सवाल के जवाब पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस बार किसान गुमराह नहीं होंगे और चुनावों के दौरान सरकार का समर्थन करेंगे. नीतिन गडकरी ने कहा कि किसानों का विरोध राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले दो कार्यकाल के दौरान किसानों के लाभ और कल्याण के लिए कई फैसले लिए हैं. हमारी सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी रही है. इसलिए किसान गुमराह नहीं होंगे और बीजेपी के पक्ष में मतदान करेंगे. गौरतलब है कि इससे पहले किसान समूहों ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 में बड़े पैमाने पर आंदोलन किया था. हालांकि बढ़ते विरोध का के बीच केंद्र ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया.
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विपक्षी नेताओं के खिलाफ चल रही जांच और केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा नेताओं की गिरफ्तारियों पर ANI से बात करते हुए नीतिन गडकरी ने कहा कि एजेंसियां अपना काम करती हैं. इसका सरकार, नेताओं, मंत्रियों या प्रधानमंत्री से कोई लेना-देना नहीं है. एजेंसिया कानून के अनुसार अपना काम कर रही हैं. इस बार के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा निर्धारित 400 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य पूरा करने का विश्वास जताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूरे देश में लोगों का मानना है कि भविष्य को बदलना होगा. देश में किसानों के कल्याण के लिए काम करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी सरकार को सत्ता में लाना होगा. हमें सफलता का पूरा भरोसा है.
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कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "कांग्रेस के शासनकाल में 80 बार संविधान तोड़ा गया. हम संविधान का सम्मान करते हैं और इसे बदलने का सवाल ही नहीं उठता.सुप्रीम कोर्ट द्वारा असंवैधानिक घोषित की गई चुनावी बॉन्ड योजना पर नितिन गडकरी ने कहा कि हमने पारदर्शिता के लिए चुनावी बॉन्ड लागू किया था. पार्टी को पैसे की जरूरत है. हमने चुनावी बॉन्ड बनाए ताकि पैसा औपचारिक पारदर्शी मार्ग से आए. यह है सुप्रीम कोर्ट का मामला है. अगर कुछ नया आएगा तो हम उस पर जरूर सोचेंगे.
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