प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने अपने मिशन कश्मीर अभियान में आज श्रीनगर पहुंचे हैं. एक जनसभा के दौरान पीएम मोदी ने कुछ किसानों से बात की. एक मधुमक्खीपालक किसान ने पीएम मोदी को बताया कि सरकारी स्कीम से उसे कैसे फायदा मिला है. किसान ने बताया कि सरकारी मदद से उसने दो बक्से की जगह 200 बक्से में मधुमक्खीपालन शुरू कर दिया जिससे उसे बहुत फायदा हो रहा है.
पीएम मोदी के इस कार्यक्रम में पूरे प्रदेश से लगभग सवा लाख लोग मौजूद रहे. इसमें एक थे पुलवामा जिले के नाजिर नजीर जो कि मधुमक्खी पालन करते हैं. नजीर पुलवामा जिले के साम्बूरा गांव से हैं जो खेती के साथ मधुमक्खी पालन के काम में लगे हैं. नजीर ने अपने जिले में इस काम में बहुत बड़ी सफलता हासिल की है जिससे अन्य किसान भी प्रेरणा ले रहे हैं.
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नजीर ने अपनी किसानी के बारे में पीएम मोदी को बताया कि उनकी यह यात्रा 2018 में शुरू हुई. तब उन्होंने अपनी घर की छत पर मधुमक्खी के दो बक्से रखे थे. नजीर तब 10वीं क्लास में पढ़ते और वे स्कूल से आने के बाद मधुमक्खी पालन का काम देखते थे. इंटरनेट पर जाकर उन्होंने इस काम को आगे बढ़ाने की शिक्षा ली. 2019 में नजीर ने मधुमक्खी पालन के काम को आगे बढ़ाने का विचार कर लिया.
नजीर ने पीएम मोदी से कहा, मदद के लिए सरकार के पास गया. वहां 50 परसेंट की सब्सिडी पर 25 बॉक्स मिले. इस 25 बॉक्स से पहली बार 75 किलो शहद मिला. तब व्यवसाय करना इतना आसान नहीं था, इसलिए बोतलों में शहद भरकर गांवों में बेचते थे. उस समय पहली आमदनी 60 हजार रुपये की हुई. इस आमदनी से घर वाले बहुत खुश हुए.
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नजीर ने बताया, 60 हजार रुपये की कमाई से हौसला बढ़ गया और मधुमक्खी के बक्से बढ़ाने की हिम्मत मिली. धीरे-धीरे करके आज 200 बक्से में मधुमक्खी पालन का काम करते हैं. इस 200 बक्सों को बढ़ाने में नजीर ने PMEG प्रोग्राम का सहारा लिया. इस स्कीम में 5 लाख रुपये की मदद मिली. इस पैसे की मदद से नजीर ने अपना शहद का काम बढ़ाया. इसके लिए पोर्टल शुरू किया और मेहनत करने से उनकी शहद का एक बड़ा ब्रांड बन गया. ब्रांड बनने के बाद ऑनलाइन हजारों किलो शहद बेचे. नजीर ने बताया कि उनकी वेबसाइट के जरिये 2023 में 5000 किलो शहद बिके हैं.
नजीर आगे कहते हैं, आज मधुमक्खी पालन का उनका काम 2000 बक्सों तक पहुंच गया है. नजीर ने कहा कि उन्होंने सोचा कि इस काम में अकेले नहीं होंगे बल्कि प्रदेश के युवाओं को भी लगाएंगे. धीरे-धीरे इस काम में 100 लोग जुड़ गए जो मधुमक्खी पालन का काम करते हैं. इस रोजगार का नतीजा है कि 2023 में उन्हें एफपीओ मिल गया. एफपीओ मिलने के बाद बिजनेस में कोई दिक्कत नहीं आई बल्कि कमाई लगातार बढ़ती गई. यहां तक कि एक स्टॉल से एक लाख तक की कमाई हुई है.
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नजीर बताते हैं कि पहले जेब में एक लाख रुपये लेकर चलने होते थे, लेकिन जब से डिजिटल काम शुरू हुआ तब से इसका भी झंझट खत्म हो गया. देश के साथ हम भी आगे बढ़े. पीएम मोदी ने किसान नजीर से पूछा- पढ़ते वक्त क्या बनने का सपना था. इस पर नजीर ने कहा, डॉक्टर-इंजीनियर बनने का मन था, लेकिन स्कूल से आने के बाद मधुमक्खी पालन में मन लगने लगा. नजीर की बातें सुनने के बाद पीएम मोदी ने तारीफ में कहा,जम्मू कश्मीर आज नजीर जैसे युवाओं के कारण स्वीट रेवोल्यूशन का दौर देख रहा है. नजीर ने कहा, आज मधुमक्खी पालन की स्थिति ये है कि अब वे किसी भी राज्य में जाते हैं, राजस्थान, हरियाणा या गुजरात, वहां के किसान बोलते हैं कि आओ हमारे खेत में शहद के डिब्बे लगा दो.
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