हाल के विधानसभा चुनावों में जिस शब्द की गूंज सबसे अधिक सुनाई दी, वह है मोदी की गारंटी. खास बात ये कि इस शब्द को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गढ़ा. पीएम मोदी चुनाव प्रचार के दौरान जहां-जहां रैलियों में गए, उन्होंने मोदी की गारंटी शब्द का इस्तेमाल किया. लोगों ने भी मोदी की गारंटी पर भरोसा जताया और हिंदी पट्टी के तीन प्रमुख राज्यों में प्रचंड जीत दिलाई. अब मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन चुकी है. लेकिन अब भी मोदी की गारंटी शब्द की गूंज कम नहीं हुई है. भारतीय जनता पार्टी अपने हर प्रोग्राम और रैलियों में इस शब्द का प्रमुखता से इस्तेमाल करती है. ऐसे में यह जानना जरूरी हो गया है कि यह मोदी की गांरटी शब्द क्या है. इसके बारे में खुद प्रधानमंत्री ने बताया है, वह भी इंडिया टुडे को दिए एक खास इंटरव्यू में.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटर इन चीफ और चेयरपर्सन अरुण पुरी, वाइस चेयरपर्सन कली पुरी और ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया है. इस खास बातचीत में पीएम मोदी ने बताया है कि मोदी की गारंटी शब्द का क्या मतलब है. प्रधानमंत्री कहते हैं कि उनकी गारंटी केवल चुनावी शब्द या चुनावी वादे नहीं, यह उनकी दशकों की कड़ी मेहनत है. पीएम मोदी ने कहा, यह समाज के प्रति संवेदनशीलता की अभिव्यक्ति है. मैं जब गारंटी की बात करता हूं, तो मैं अपने को इसके साथ बांधता हूं. यह मुझे सोने नहीं देती, यह मुझे कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करती है, यह मुझे अपना सब कुछ देश के लोगों को दे देने की तरफ ले जाती है.
इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कृपा करके गारंटी शब्द के लिए शब्दकोष वाले अर्थ की तलाश मत करिए. एक सवाल यह भी पूछा गया कि इस गारंटी के मायने क्या हैं.? इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिस व्यक्ति को गरीबी के जीवन का अनुभव है, केवल वही समझता है कि गरीब व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ाने वाली सबसे बड़ी शक्ति उसका विश्वास, उसकी आशा है. गरीबों की यही आस्था मुझे आगे बढ़ाती रहती है. मोदी अपना सब कुछ न्योछावर कर देगा, पर अपने गरीब भाइयों और बहनों का यह विश्वास टूटने नहीं देगा.
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मोदी की गारंटी चुनाव जीतने के लिए तैयार कोई फॉर्मूला नहीं है, मोदी की गारंटी गरीबों का विश्वास है. आज देश का हर गरीब व्यक्ति जानता है कि मोदी अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा. आज देश के हर गरीब व्यक्ति को पता है कि पहले राजनैतिक दलों ने किस तरह उनका विश्वास तोड़ा. लेकिन उन्हें यह भी पता है कि मोदी की गारंटी पर विश्वास किया जा सकता है. गरीबों के इस विश्वास से ही मुझे ऊर्जा मिलती है. भले ही मुझे अपने को पूरी तरह थकाना पड़े या अपने पर सीमा से अधिक जोर डालना पड़े, मैं इस विश्वास को भंग नहीं होने दूंगा.
अपने कामकाज की शैली पर पीएम मोदी ने अपने अंदाज में कहा, मैं जब कुछ शुरू करता हूं तो मुझे आखिरी बिंदु पता होता है, लेकिन मैं कभी ब्लूप्रिंट का ऐलान नहीं करता. मैं बड़े कैनवस पर काम करता हूं. इसी में पीएम मोदी ने आगे कहा, मक्खन पर लकीर तो सब करते हैं, करनी है तो पत्थर पर करो. कठिन है तो क्या हुआ, शुरुआत तो करें. इसी में मैं विश्वास करता है.
भारत के सामने चुनौतियों के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा, अब हम ऐसा देश बन गए हैं जो आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहा है. ऐसे देश से जो विभिन्न मंचों पर अपनी आवाज खोजा करता था, हम ऐसा देश बन गए हैं जो नए वैश्विक मंच बनाता है. आज दुनिया की सर्वानुमत राय स्पष्ट है-यह भारत का वक्त है.
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