PM Modi Interview: तीन राज्यों में नए चेहरों को चुनने के पीछे का पीएम मोदी ने बताया राज

PM Modi Interview: तीन राज्यों में नए चेहरों को चुनने के पीछे का पीएम मोदी ने बताया राज

अपने कामकाज की शैली पर पीएम मोदी ने अपने अंदाज में कहा, मैं जब कुछ शुरू करता हूं तो मुझे आखिरी बिंदु पता होता है, लेकिन मैं कभी ब्लूप्रिंट का ऐलान नहीं करता. मैं बड़े कैनवस पर काम करता हूं. इसी में पीएम मोदी ने आगे कहा, मक्खन पर लकीर तो सब करते हैं, करनी है तो पत्थर पर करो. कठिन है तो क्या हुआ, शुरुआत तो करें. इसी में मैं विश्वास करता है.

Advertisement
PM Modi Interview: तीन राज्यों में नए चेहरों को चुनने के पीछे का पीएम मोदी ने बताया राजप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

इंडिया टुडे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया है. इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया मानती है ये भारत का समय है. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि देश के परिवारवादी दलों को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लोकतंत्र से दिक्कत है. अभी हाल के चुनाव में बीजेपी को मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में प्रचंड जीत मिली. इसके बाद इन तीनों राज्यों में तीन नए चेहरों को प्रदेश की कमाई सौंपी गई. अपने इंटरव्यू में पीएम मोदी ने बताया कि किस आधार पर पार्टी ने तीनों नए चेहरों का चुनाव किया.

इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने इंडिया टुडे के एडिटर इन चीफ और चेयरपर्सन अरुण पुरी, वाइस चेयरपर्सन कली पुरी और ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा से खास बातचीत की. घंटे भर की बातचीत में प्रधानमंत्री ने विभिन्न घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के साथ-साथ अपनी अनोखी प्रबंधन शैली की विस्तार से चर्चा की. 

'मैं कभी ब्लूप्रिंट का ऐलान नहीं करता'

अपने कामकाज की शैली पर पीएम मोदी ने अपने अंदाज में कहा, मैं जब कुछ शुरू करता हूं तो मुझे आखिरी बिंदु पता होता है, लेकिन मैं कभी ब्लूप्रिंट का ऐलान नहीं करता. मैं बड़े कैनवस पर काम करता हूं. इसी में पीएम मोदी ने आगे कहा, मक्खन पर लकीर तो सब करते हैं, करनी है तो पत्थर पर करो. कठिन है तो क्या हुआ, शुरुआत तो करें. इसी में मैं विश्वास करता है.

भारत के सामने चुनौतियों के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा, अब हम ऐसा देश बन गए हैं जो आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहा है. ऐसे देश से जो विभिन्न मंचों पर अपनी आवाज खोजा करता था, हम ऐसा देश बन गए हैं जो नए वैश्विक मंच बनाता है. आज दुनिया की सर्वानुमत राय स्पष्ट है-यह भारत का वक्त है.

ये भी पढ़ें: Success Story: हरिद्वार के इस किसान ने बताया-मत्स्य संपदा योजना ने कैसे बदली तस्वीर, PM Modi ने भी की तारीफ

अपनी प्रबंधन शैली के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि उनकी नीति बनाने का तरीका थोड़ा अलग है. वे कहते हैं, मैं सभी अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों को सुनता हूं और उनकी सलाह मेरे जमीनी जुड़ाव और देश की जी गई वास्तविकता को मिला-जुलाकर अपनी नीतियां और रणनीति बनाता हूं. मैं, कुछ भी अच्छा लगे इसलिए नहीं करता, बल्कि अच्छा हो, इसलिए करता हूं. 

स्पष्ट मिशन की पार्टी है बीजेपी

अपनी पार्टी की राजनीति के बारे में पीएम मोदी ने कहा, परिवारवादी पार्टियां भाजपा में लोकतांत्रिक मंथन को सहजता से नहीं लेतीं. हमारी काडर आधारित, स्पष्ट मिशन की पार्टी है. हम सभी जमीनी कार्यकर्ता की तरह शुरू करते हैं और कठिन मेहनत से ऊपर बढ़ते हैं. पीएम मोदी ने कहा, आज इस बात पर सर्वानुमति है कि देश में मिलीजुली सरकार की दरकार नहीं है. लोगों ने राजकाज का अभाव, तुष्टीकरण की राजनीति, भ्रष्टाचार और नतीजतन अस्थिरता देखी है. इसलिए 2024 में लोगों की पसंद भाजपा है.

ये भी पढ़ें: जानिए लहरी बाई को क्यों कहा जाता है मिलेट क्वीन, PM Modi भी कर चुके हैं तारीफ

बीजेपी किसी भी दक्षिण या पूरब के बड़े राज्यों में सत्ता नहीं है. इनमें से ज्यादातर राज्यों में मजबूत क्षेत्रीय नेता हैं. सच्ची अखिल भारतीय पार्टी बनने का बीजेपी का गेमप्लान किया है? इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा, यह गलत आकलन है, आप चीजों को अति सरल बनाकर रख रहे हैं. भाजपा के बनने के समय से ही हम ऐसी मिथ्या बातें सुनते आ रहे हैं कि हम कौन हैं और किसका प्रतिनिधित्व करते हैं. कभी हमें ब्राह्मण-बनिया पार्टी कह दिया गया, तो कभी ऐसी पार्टी जो केवल हिंदी पट्टी की बात करती है. यहां तक कि हमें ऐसी पार्टी भी कह दिया गया, जिसे केवल शहरों में समर्थन मिलता है. मगर एक के बाद एक चुनावों में हमने ऐसे सभी लेबल को गलत साबित कर दिया.

तीन राज्यों में नए चेहरों पर दांव

बीजेपी ने हाल में जीते हिंदी पट्टी के तीन राज्यों के लिए नए चेहरे चुने. यह ट्रेंड आपने तभी शुरू किया जब से आप प्रधानमंत्री बने हैं. इसके पीछे सोच क्या है? इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा, यह नया ट्रेंड नहीं है. वास्तव में भाजपा के भीतर इस प्रैक्टिस की सबसे बड़ी मिसाल तो मैं हूं. जब मुझे गुजरात का मुख्यमंत्री चुना गया, मुझे पहले का कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं था और विधानसभा में चुना तक नही गया था. हां, यह नए ट्रेंड की तरफ दिखाई दे सकता है क्योंकि आज दूसरी ज्यादातर पार्टियां परिवारवादी पार्टियां हैं. 

 

POST A COMMENT