MSP पर खरीद शुरू करने का दबाव बनाने के लिए किसानों ने खरीद केंद्र में डंप किया धान, सता रहा यह डर

MSP पर खरीद शुरू करने का दबाव बनाने के लिए किसानों ने खरीद केंद्र में डंप किया धान, सता रहा यह डर

ओडिशा राज्य कृषक संगठन के बैनर तले किसान अपने अपने कटे हुए धान को बोरे में भरकर ट्रैक्टर में लोड करके स्थानीय बाजार समिति के प्रांगन में पहुंचे और वहां पर मौजूद बाजार समिति के कर्मचारियों को प्रांगण का गेट खोलने के लिए मजबूर किया.

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MSP पर खरीद शुरू करने का दबाव बनाने के लिए किसानों ने खरीद केंद्र में डंप किया धान, सता रहा यह डरओडिशा में धान की खरीद शुरू करने के लिए किसानों ने बनाया दबाव सांकेतिक तस्वीर

ओडिशा में इस बार किसान पहले बारिश की बेरूखी से परेशान हुए. किसी तरह धान की खेती हो गई तो अब उनके सामने यह समस्या है कि जल्द से जल्द अपने फसल को वह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच दे. क्योंकि किसानों का कहना है कि उनके धान काटने के बाद उसे रखने के लिए भंडारण की उचित व्यवस्था नहीं है. साथ ही बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है इसके कारण उनकी फसल को नुकसान हो सकता है. इसे देखते हुए और प्रशासन पर जल्दी धान की खरीद शुरू करने को लेकर दवाब बनाने के लिए  बरगढ़ जिले के गोडभगा क्षेत्र के सैकड़ों किसानों बाजार प्रांगण पहुंचे और और वहां पर अपने फसलों को जबरन वहां पर डंप कर दिया.     

बताया जा रहा है कि ओडिशा राज्य कृषक संगठन के बैनर तले किसान अपने अपने कटे हुए धान को बोरे में भरकर ट्रैक्टर में लोड करके स्थानीय बाजार समिति के प्रांगन में पहुंचे और वहां पर मौजूद बाजार समिति के कर्मचारियों को प्रांगण का गेट खोलने के लिए मजबूर किया.  फिर गेट खोलने के बाद वो जल्द धान खरीद शुरू करने की बात करने लगे और प्रांगण में धान की भरी हुई 1040 बोरियां फेंक दी. इस मौके पर उन्होंने एक बैठक भी की और अपना प्रस्ताव घोषित किया और जल्द धान की खरीद शुरू करने के लिए कहा औऱ प्रागंण में और भी बोरियां लाकर डंप करने की धमकी दी. 

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किसानों ने की थी 15 नवंबर से धान खरीद शूरु करने की मांग

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार जब किसान बाजार समिति के प्रांगण में अपना धान डंप कर रहे थे उस वक्त वहां पर कोई अधिकारी मौजूद नहीं था. गौरतलब है कि कथित तौर पर 27 अक्टूबर को जिला स्तरीय खरीद समिति की एक बैठक आयोजित की गई थी. जिसमे प्रशासन की तरफ से 25 नवंबर से एमएसपी पर फसलों की खरीद प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया था. हालांकि, किसानों ने फैसले का विरोध किया और तारीख को थोड़ा पहले 15 नवंबर करने की मांग की थी. बाद में जिलाधिकारी ने कहा कि अगली बैठक में तिथि तय की जायेगी. लेकिन तीन दिन बाद प्रशासन ने 21 नवंबर से खरीद शुरू करने का एकतरफा निर्णय ले लिया. जिसके कारण किसानों में आक्रोश फैल गया.

30 प्रतिशत धान की हो चुकी है कटाई

किसान नेता बीरेंद्र कर ने कहा कि हमने डीएलपीसी की बैठक के दौरान पहले बताया था कि अधिकांश किसानों के धान 15 नवंबर तक खरीद के लिए तैयार हो जाएंगे और अगर इसमें दूसरे सप्ताह से अधिक देरी हुई, तो भंडारण सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें समस्या का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि  लगभग 30 प्रतिशत फसल की कटाई हो चुकी है और वे किसान अब अनिश्चितता की चपेट में हैं क्योंकि कुछ दिनों में बारिश होने की भविष्यवाणी की गई है.

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धान काटने के लिए खरीद शुरू होने का इंतजार कर रहे किसान

वहीं कई ऐसे किसान हैं जो अपनी तैयार फसल को काटने के लिए धान खरीद के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. उन्हें अपने  कीटों के हमले का खतरा सता रहा है. उन्होंने कहा कि अभी खरीद शुरू करना बेहतर है अन्यथा बिचौलियों द्वारा किसानों का शोषण किया जाएगा और उन्हें कम कीमत पर उपज बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. वहीं एडीएम लालत साहू ने कहा कि उन्हें ऐसी घटना की जानकारी नहीं है. हालांकि, नागरिक आपूर्ति अधिकारी, बरगढ़, दशरथी सोरेन ने कहा कि खरीद की तारीखों से पहले धान की बोरियों के भंडारण पर निर्णय लेना आरएमसी की जिम्मेदारी है. 

 

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